अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की फिल्म बड़े मियां छोटे मियां रिलीज़ हो चुकी है। दो सबसे बड़े एक्शन स्टार्स को साथ लाना फिल्म की सफलता नहीं है। बड़े मियां छोटे मियां बहोत सारे मज़ेदार सीन, ब्रोमांस, एक्शन से भरी है। लेकिन उसके बाद भी फीकी कहानी, भारी-भरकम डायलॉग इसकी सबसे कमज़ोर कड़ी है। अली अब्बास जफ़र पहले सुल्तान, टाइगर जिंदा है जैसी शानदार फिल्में बना चुके हैं। उनके डायरेक्शन को पहले पसंद किया है ऐसे में बड़े मियां छोटे मियां से उम्मीदें लगाना गलत नहीं है। लेकिन ये फिल्म देखते समय दिमाग का इस्तेमाल बंद करना होगा। अली अब्बास का डायरेक्शन डायरेक्टर अली अब्बास जफ़र ने ही बड़े मियां छोटे मियां को डायरेक्ट करने के साथ इसकी कहानी लिखी है। हालांकि, उन्होंने इस फिल्म से ऑडियंस को सिर्फ एक्शन दिखाने की कोशिश की है। फिल्म के कई सीन में बार-बार घायल होते एक्टर्स को जिस हिम्मत के साथ स्क्रीन पर लड़ने के लिए खड़ा किया उसे देखने के बाद लॉजिक की उम्मीद खत्म हो जाती है। भारत-पाकिस्तान के विवाद को एक बार फिर फिल्म उसी भुनाया गया है। पठान, जवान और वॉर जैसी फिल्मों के बहोत से सीन आंखों के सामने से निकल जायेंगे। यहां डायरेक्टर कुछ नया अपनी ऑडियंस के समाने परोस सकते थे।
भारत-पाकिस्तान की कहानी इस फिल्म की कहानी ‘करण कवच’ को देश के दुश्मनों से बचाने के इर्द-गिर्द गढ़ी गई है। ऐसा ही कुछ आदित्य रॉय कपूर की फिल्म राष्ट्र कवच ओम में भी दिखाया गया था। इस फिल्म में टाइगर और अक्षय कुमार के ब्रोमांस के आलावा ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपने पहले किसी हिंदी फिल्म में नहीं देखा होगा। फिल्म में अक्षय कुमार कैप्टेन फिरोज उर्फ़ फ्रेडी और टाइगर श्रॉफ कैप्टेन राकेश यानी रॉकी के किरदार में हैं। हर देश पर आधारित फिल्मों में एक सीनियर ऑफिसर भी होता है तो यहां रोनित बोस हैं जो इनके कर्नल आदिल शेखर आजाद का किरदार निभा रहे हैं। आदिल का काम देश के दुश्मन कबीर यानी पृथ्वीराज सुकुमारन से करण कवच को बचाना है।आगे कैप्टेन मिशा के किरदार में मानुषी छिल्लर हैं। आगे आईटी स्पेशलिस्ट पैम यानी अलाया एफ भी हैं जो एक मिशन पर हैं। बस इतना ही नहीं ऑफिस प्रिया दीक्षित के किरदार में सोनाक्षी सिन्हा भी हैं। थिएटर में इन सीन्स पर बजीं सीटियां इस बिना लॉजिक की फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स भी हैं जिन्हें देखने के बाद थिएटर में बैठी ऑडियंस सीटियां मारने लगती है। लेकिन फिल्म के डायलॉग इन्हीं सीन्स को और ज्यादा कमज़ोर बना देते हैं। फिल्म का एक डायलॉग है “ये जिस रेजिमेंट से आते हैं उसका नाम है लायंस और इस रेजिमेंट का सोल्जर जितना ज़ख़्मी होता है उतना ज्यादा खतरनाक होता है।” अगला डायलॉग "सबसे खतरनाक दुश्मन वो होता है जिसके अंदर मौत का डर ही न हो, एक नया दुश्मन कई बार पुराना दोस्त होता है, हम बहुत पुराने दोस्त हैं, एक दूसरे के लिए जान भी दे सके हैं एयर एक दूसरे की जान ले भी सकते हैं।” एक और देशभक्ति डायलॉग "दिल से सोल्जर, दिमाग से शैतान हैं हम, बाख के रहना है हमसे हिंदुस्तान हैं हैं हम।” अब ऐसे डायलॉग सुनने के लिए आपको थिएटर जाना है या नहीं ये आपको तय करना है। एक बार जरुर देखी जा सकती है फिल्म ववैसे फिल्म में अक्षय कुमार और पृथ्वीराज सुकुमारन के बीच फिल्माए गए एक्शन सीन जबदरस्त हैं। दोनों का स्वैग स्क्रीन पर शानदार लगता है। टाइगर और अक्षय के बीच भी जबरदस्त केमिस्ट्री दिखाई गई है। इस फिल्म को के बार थिएटर पर जरुर देखा जा सकता है।