Independence Day पर अक्षय कुमार ने बताया क्यों करते हैं देशभक्ति वाली फिल्में
बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार अक्सर देशभक्ति से जुड़ी फिल्में करने के लिए तैयार रहते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) अक्सर देशभक्ति से जुड़ी फिल्में करने के लिए तैयार रहते हैं. अक्षय कुमार ने अपने फिल्मी करियर में हमेशा 'केसरी', 'एयरलिफ्ट', 'हॉलिडे: ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी' और 'मिशन मंगल' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से देश के लिए अपने प्यार का इजहार किया है. अभिनेता ने गर्व से इस बारे में बात की है कि देशभक्ति की भावना वाली फिल्मों को इतना पसंद क्यों किया जाता है. अक्षय अपनी आगामी फिल्म 'बेल बॉटम' की रिलीज के लिए कमर कस रहे हैं, जो देशभक्ति की छटा बिखेर रही है, क्योंकि वह एक जासूस की भूमिका निभा रहे हैं जो अपने देशवासियों की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरता है.
अक्षय से पूछा गया कि आपके अनुसार क्या देशभक्ति के छींटे फिल्म को शानदार बना देती हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए अक्षय ने कहा कि केवल भारत में ही नहीं, हर कोई अपने देश से प्यार करता है. इसी लिए ये मुमकिन हो पाता है. 53 वर्षीय अभिनेता वर्तमान में 'बेल बॉटम' की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं, जो 19 अगस्त को रिलीज होने वाली है. उन्होंने कहा कि फिल्म की स्क्रीन पर एक बार फिर से हिट होने के लिए वह बहुत उत्साहित हैं.
बेल बॉटम को लेकर उत्साहित हैं अक्षय
उन्होंने कहा कि मैं 'बेल बॉटम' के सिनेमाघरों में रिलीज होने को लेकर भी वास्तव में उत्साहित हूं. उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा. रंजीत एम. तिवारी द्वारा निर्देशित, 'बेल बॉटम' में वाणी कपूर, लारा दत्ता भूपति और हुमा कुरैशी भी हैं. इसे पिछले साल ग्लासगो में कोविड -19 लॉकडाउन के बीच शूट किया गया था.
जब अक्षय से पूछा गया कि क्या इतने कठिन समय के बीच वह घर से बाहर निकलने को लेकर आशंकित थे? इसका जवाब देते हुए अभिनेता ने कहा, "नहीं, मैंने इस तरह से नहीं सोचा क्योंकि मैंने वाशु भगनानी से कहा, जो मेरे निमार्ता हैं, हर चीज का ख्याल रखना और सुनिश्चित सब की जिम्मेदारी है. हम सबने प्रोटोकॉल का पालन किया और हर कोई मास्क पहने था. साथ ही अपने हाथ धोते रहते थे.
अब जबकि फिल्म को पर्दे पर आने में केवल एक सप्ताह बचा है, अभिनेता ने 19 अगस्त को एक महत्वपूर्ण दिन करार दिया. उन्होंने कहा कि 19 अगस्त हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हमें पता चलेगा कि डेढ़ साल बाद भी लोगों ने सिनेमाघरों में जाने का वह उत्साह खोया है या नहीं.