इस खूबसूरत हसीना के साथ फिल्म में नजर आने वाले हैं अक्षय कुमार, निभाएंगी वकील का रोल

सी शंकरन मद्रास हाईकोर्ट में वकील और जज थे. वह देश के बड़े होनहार वकिलों में से एक थे.

Update: 2022-06-07 07:09 GMT

फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर ( Karan Johar) की अपकमिंग बायोपिक में बॉलीवुड अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के संग अनन्या पांडे (Ananya Pandey) दिखने वाली हैं.खबरों की मानें तो, हिस्टोरिकल बायोपिक फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' (Samrat Prithviraj) के बाद अक्षय फिर से लॉयर-एक्टिविस्ट सी शंकरन नायर (C. Sankaran Nair) की बायोपिक में दिखने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करण ने इस बायोपिक के लिए अक्षय कुमार और ब्यूटीफुल एक्ट्रेस अनन्या पांडे का नाम फाइनल कर लिया है.

मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, करण जौहर अपकमिंग फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की शूटिंग खत्म करते ही, सी शंकरन नायर की बायोपिक पर काम शुरू कर देंगे. मेकर्स की तरफ से अक्षय कुमार-अनन्या पांडे फिल्म के फाइनल कास्ट हैं हालांकि अभी तक अनन्या ने फिल्म के लिए हामी नहीं भरी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अनन्या के हामी भरते ही फिल्म का आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
जुझारू जूनियर वकील के रोल में दिखेंगी अनन्या
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अक्षय कुमार सी शंकरन नायर की भूमिका में देखे जाएंगे. वहीं अनन्या पांडे को बेहद खास रोल में दिखने वाली हैं. फिल्म में वह एक जुझारू जूनियर वकील के रोल में देखी जा सकती हैं. इस फिल्म का निर्देशन करण सिंह त्यागी करने वाले हैं. करण सिंह इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड में बतौर डायरेक्टर डेब्यू करने जा रहे हैं. फिल्म करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले रिलीज होगी.
'द केस दैट शूक एम्पायर' पर आधारित होगी फिल्म
बताया जा रहा है कि इस बायोपिक को मेकर्स ने 'द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ सी शंकरण नायर' टाइटल दिया है. अटकलों की मानें तो फिल्म रघु और पुष्पा की किताब 'द केस दैट शूक एम्पायर' पर आधारित है. फिल्म पूरी तरह कोर्ट ड्रामा है. फिल्म में ब्रिटिश शासन के दौरान पंजाब में हुए नरसंहार को दिखाया जाएगा. वहीं उस दौरान उपराज्यपाल रहे माइकल ओडायर की भूमिका को उजागर करने में एक वकील के संघर्ष को पर्दे पर दिखाया जाएगा.
कौन है सी शंकरन नायर?
सी शंकरन नायर ने 1915 में वायसराय की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रूप में काम किया था, लेकिन 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद इस्तीफा दे दिया. बाद में उन्होंने 1897 में अमरावती में हुए अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष का पद भी संभाला था. सी शंकरन मद्रास हाईकोर्ट में वकील और जज थे. वह देश के बड़े होनहार वकिलों में से एक थे.

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