सितंबर तक बिक सकती है एयर इंडिया, 60 हजार करोड़ रुपए का है कर्ज

एआईएसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी शामिल है.

Update: 2021-04-14 04:46 GMT

सरकार ने सरकारी एयर लाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) की बिक्री के लिए वित्तीय बोलियों (Financial Bids) को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की है और सूत्रों के मुताबिक इस सौदे के सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. पिछले साल दिसंबर में घाटे में चल रही एअर इंडिया को खरीदने के लिए लगाई गईं शुरुआती बोलियों में टाटा समूह (Tata Group) की बोली भी शामिल है. सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक बोलियों का विश्लेषण करने के बाद योग्य बोलीदाताओं को Air India के वर्चुअल डेटा रूम (VDR) तक पहुंच दी गई, जिसके बाद निवेशकों के सवालों के जवाब दिए जाएंगे.

सूत्रों ने बताया कि यह सौदा अब फाइनेंशियल बिड के चरण में चला गया है और इसके सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. सरकार एअर इंडिया में अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है.
Indian Airlines के साथ विलय के बाद घाटे में है कंपनी
यह विमानन कंपनी 2007 में घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस (Indian Airlines) के साथ विलय के बाद से घाटे में है. कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के कारण हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में देरी हुई और सरकार ने प्रारंभिक बोलियां प्रस्तुत करने की समय सीमा को पांच बार बढ़ाया.
कंपनी पर 60 हजार करोड़ का कर्ज
Air India पर कुल 60,000 करोड़ रुपए का कर्ज है. नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने पिछले महने कहा था कि एअर इंडिया का निजीकरण करने या इसे बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.
एअर इंडिया को खरीदने वालों को होगा ये फायदा
इस विमानन कंपनी के सफल बोलीदाता को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतर्राष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ ही विदेशों में 900 स्लॉट पर नियंत्रण मिलेगा. इस नीलामी में सस्ती सेवाएं देने वाली इसकी सब्सिडियरी एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) और माल एवं यात्री सामान चढ़ाने उतारने वाली साझा इकाई एआईएसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी शामिल है.


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