अफगान की फिल्ममेकर ने देश के बुरे हालातों को लेकर बयां किया अपना दर्द, खत पढ़कर नम हो जाएंगी आंखें

अफगानिस्तान की प्रसिद्ध फिल्ममेकर और अफगान फिल्म ऑर्गेनाइजेशन की पहली फीमेल चेयरपर्सन सारा करीमी ने हाल ही में एक ओपन लेटर लिखा.

Update: 2021-08-17 07:13 GMT

अफगानी फिल्ममेकर का दर्द

अफगानिस्तान की प्रसिद्ध फिल्ममेकर और अफगान फिल्म ऑर्गेनाइजेशन की पहली फीमेल चेयरपर्सन सारा करीमी (Sahraa Karimi) ने हाल ही में एक ओपन लेटर लिखा. इस खत में उन्होंने वहां के बुरे हालात का दर्द बयां करते हुए मदद मांगी है, जिसे अनुराग कश्यप ने रीशेयर किया है. उन्होंने लोगों से अफगान में चल रही इस हिंसा के खिलाफ चुप्पी तोड़ने और एकजुट होने की बात कही है. (Pic Credit: Sahraa Karimi Instagram)
'बच्चियों को बेचा'
इस पोस्ट में सारा (Sahraa Karimi) ने लिखा है कि तालिबानी अफगान के लोगों का कत्ल कर रहे हैं, उन्होंने कई बच्चों को किडनैप किया है. उन्होंने अपने लोगों के हाथ में बच्चियों को बेच दिया है, उन्होंने पहनावे की वजह से आरतों को मार डाला है. (Pic Credit: Sahraa Karimi Instagram)
'लोगों को मारा जा रहा है'
सारा (Sahraa Karimi) ने आगे लिखा है, 'उन्होंने हमारे चहेते कॉमेडियन को टॉर्चर कर उन्हें मार डाला, उन्होंने हमारे ऐतिहासिक कवि की भी जान ले ली, उन्होंने मीडिया से जुड़े लोगों और सरकार के लोगों की जान ले ली.' सारा ने इस पोस्ट में बताया है कि कैसे वे लोग वहां के लोगों को निशाने पर ले रहे हैं और अपने आतंक से अपना विस्तार करते जा रहे हैं
'बच्चों के पास पीने के लिए दूध नहीं'
सारा (Sahraa Karimi) ने यह भी लिखा है, 'काबुल में ऐसे ढेरों परिवार हैं जो इस खौफ में जी रहे हैं कि उनकी जान बचेगी या नहीं, बिना दूध के उनके बच्चे मर रहे हैं. सभी देख रहे हैं कि ये सब गलत हो रहा है, लेकिन पूरी दुनिया चुप है.' 
'सबको मिलकर आवाज उठाने की जरूरत'
उन्होंने लिखा है- हमें आवाज उठाने की जरूरत है. उन्होंने यह डर भी जाहिर किया है कि बतौर फिल्ममेकर जो भी उन्होंने किया है अब सबकुछ खतरे में है. उनका कहना है कि तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर अपना शासन जमा लिया तो वे इस देश से कला का खात्मा कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा है कि वह और कुछ अन्य फिल्ममेकर्स उनकी हिट लिस्ट में हो सकते हैं.
'खतरे में भविष्य'
सारा (Sahraa Karimi) ने लिखा है, 'ये तालिबानी महिलाओं के सारे अधिकार छीन लेंगे. हमें अंधकार में ढकेल देंगे. हमारी जुबां पर ताला लगा देंगे. सिर्फ कुछ हफ्तों के भीतर तालिबान ने हमारे कई सारे स्कूलों को तबाह कर दिया है. करीब 2 मिलियन ऐसी लड़कियां हैं जिनका भविष्य खतरे में है और उन्हें स्कूल से बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ा है.' 
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