एक्टर अशोक कुमार अपने एग्जाम में हो गए थे फेल, फिर इस तरह से बन गए इंडस्ट्री के स्टार
अशोक कुमार के पिता से अकेले में बात की और उन्हें राजी कर लिया था.
बॉलीवुड के लेजेंड एक्टर अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने अपनी शानदार एक्टिंग से सभी को अपना दीवाना बना लिया था. वह एक बेहतरीन एक्टर थे जिन्होंने हमेशा अपनी एक्टिंग से सभी का दिल जीत लिया था. अशोक कुमार के पिता एक वकील थे और वह भी वकील बनना चाहते थे मगर ऐसा हो नहीं पाया था.
अशोक कुमार भी अपने पिता की तरह एक वकील बनना चाहते थे मगर किस्मत ने कुछ और ही उनके लिए सोच रखा था. आज अशोक कुमार की पुण्यतिथि पर आपको उनके एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखने के बारे में बताते हैं. जिसके बाद वह हर जगह छा गए थे.
एग्जाम में हो गए थे फेल
अशोक कुमार को वकील बनाने के लिए उनके पिता कुंजीलाल ने उनका लॉ कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए फॉर्म भर दिया था. जब इसका एग्जाम अशोक कुमार ने दिया तो वह इसे पास नहीं कर पाए. पिता के डर से अशोक कुमार अपनी बहन के घर मुंबई चले गए थे. जहां उन्होंने अपनी बहन के पति से नौकरी लगवाने की गुजारिश की थी जो बॉम्बे टॉकीज में बड़े पद पर थे.
शशाधर मुखर्जी ने अशोक कुमार की नौकरी लगवा दी थी. उस नौकरी से अशोक कुमार को अच्छे पैसे भी मिलने लगे थे और उनका काम में मन भी लगने लगा था. उसके बाद वह अपने पिता को मनाने में लग गए थे कि उन्हें वकालत नहीं करनी है.
इस तरह मिला पहला ऑफर
फिल्म जीवन नैया में अशोक कुमार ने काम किया था. उन्हें इस फिल्म में अचानक ही रोल मिल गया था. दरअसल इस फिल्म में देविका रानी और नज्म-उल-हसन लीड रोल में नजर आने वाले हैं.. फिल्म की शूटिंग के दौरान लीड के बीच लड़ाई हो गई जिसके बाद नज्म-उल-हसन को फिल्म से बाहर निकाल दिया गया. देविका बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु की पत्नी थी. हिमांशु ने ही डायरेक्टर से कहा कि वह फिल्म में अशोक कुमार को बतौर हीरो लें. डायरेक्टर को अशोक कुमार का लुक हीरो की तरह नहीं लगा था मगर उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा और अशोक को अपनी फिल्म में कास्ट किया.
किस्मत से बने स्टार
अशोक कुमार को साल 1943 में आई फिल्म किस्मत से पहचान मिली थी. इस फिल्म से वह रातों-रात स्टार बन गए थे. मगर अशोक के पिता चाहते थे कि वह एक्टिंग छोड़ दें. उन्होंने अशोक से खूब जिद की थी. मगर बाद में हिमांशु ने अशोक कुमार के पिता से अकेले में बात की और उन्हें राजी कर लिया था.