केबीसी में हिस्सा लेने पर रेलवे अधिकारी पर कार्रवाई, जाने वजह

वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव खालिद ने कहा कि ये चार्जशीट 9 अगस्त को तैयार की गई है जबकि चार्जशीट में पहले से ही 13 अगस्त तक का जिक्र कर दिया. यह तभी संभव है जब अधिकारियों को पता हो कि कर्मचारी 13 अगस्त तक नहीं आएगा. इसका मतलब छुट्टी मांगी गई थी.

Update: 2021-08-31 03:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कौन बनेगा करोड़पति (Kaun Banega Crorepati 13) में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठकर रेलवे अफसर देशबंधु पांडे काफी खुश थे लेकिन घर लौटकर उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ेगा उन्हें इसका अंदाजा नहीं था. राजस्थान के कोटा रेल मंडल के स्थानीय खरीद अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात देशबंधु पांडे (Desh Bandhu pandey) को रेलवे प्रशासन ने न सिर्फ चार्जशीट थमा दी है बल्कि 3 साल तक उनके इंक्रीमेंट पर भी रोक लगा दी गई है. उन पर बिना जानकारी दिए दफ्तर से गायब रहने और केबीसी में हिस्सा लेने का आरोप लगा है.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक चार्ज शीट में लिखा है कि बिना अवकाश स्वीकृत कराए ही आप 9 से 13 अगस्त तक गायब रहे, आपका यह रवैया काम के प्रति लापरवाही दर्शाता है. ऐसे में आप पर कार्रवाई की जानी चाहिए. बता दें कि देशबंधु ने केबीसी में 3 लाख 20 हज़ार रुपए की रकम भी जीती थी. हालंकि मुंबई से लौटते ही रेल प्रशासन ने उन्हें कड़ी सजा दी है और उन्हें रे चार्जशीट थमा दी गई है और 3 साल के लिए वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी गई है. पांडे का यह एपिसोड 26 और 27 अगस्त को प्रसारित हुआ था और उन्होंने कुल 10 सवालों के जवाब ठीक दिए थे.
देशबंधु नहीं कर रहे किसी से बात
रेलवे प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई के बाद से फिलहाल देशबंधु ने कोई बयान नहीं दिया है. देशबंधु अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर केबीसी में पहुंचे थे. रेलवे प्रशासन की ओर से इस तरह की कार्रवाई का कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है. वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव खालिद ने कहा है कि पांडे के साथ रेल प्रशासन ने ठीक नहीं किया है और इसके खिलाफ केस लड़ा जाएगा.
उन्होंने कहा कि ये चार्जशीट 9 अगस्त को तैयार की गई है जबकि चार्जशीट में पहले से ही 13 अगस्त तक का जिक्र कर दिया. यह तभी संभव है जब अधिकारियों को पता हो कि कर्मचारी 13 अगस्त तक नहीं आएगा. इसका मतलब है पांडे ने 13 अगस्त तक अवकाश मांगा था, जो उसे नहीं दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि देशबंधु पांडे चार्ट शीट को लेकर इतना डरे हुए हैं कि वह रेलवे प्रशासन के खिलाफ कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है. पांडे को मुंबई से लौटने पर 18 अगस्त को चार्जशीट थमा दी गई थी और उनसे जवाब भी मांगा गया है.
पहले भी लोग ले चुके हैं हिस्सा
कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उचित कारण हो तो कार्मिकों को छुट्टी जरुर दी जानी चाहिए. केबीसी में भाग लेना ऐसा कारण नहीं है जिसके लिए रेलवे से छुट्टी नहीं दी जा सकती. संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब किसी कर्मचारी ने केबीसी में भाग लिया हो. इससे पहले भी कई अधिकारी और कर्मचारी केबीसी में शामिल हो चुके हैं. रेलवे की ओर से इन सभी का सम्मान किया गया था लेकिन यह पहला मामला है जब सम्मान की जगह कर्मचारी को चार्जशीट थमाई गई हो. इस पूरे मसले पर कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल ने कहा देशबन्धु पांडे को विभागीय काम बोला गया था, काम नहीं किया साथ ही बिना छुट्टी लिए वे गायब हो गए. वे कर्तव्य के प्रति लापरवाह पाए गए हैं और इस विभागीय कार्रवाई का KBC से लेना देना नहीं हैं.


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