9 आरोपी गिरफ्तार: सोनम कपूर के ससुर हुए 27 करोड़ की ठगी के शिकार, अब हुआ ये खुलासा

Update: 2022-03-12 11:22 GMT

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर के ससुर हरीश आहूजा के लिए यह मुश्किल समय है. खबर है कि हरीश की कंपनी से 27 करोड़ रुपए से ज्यादा की साइबर ठगी हुई है. हरीश आहूजा की फरीदाबाद स्थित कंपनी शाही एक्सपोर्ट फैक्टर के साथ ये ठगी हुई है. ठगों ने रिबेट आफ स्टेट एंड सेंट्रल टैक्सेस एंड लेवीज (ROSCTL) लाइसेंस के जरिए इस ठगी को अंजाम दिया.

पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) नीतीश अग्रवाल ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस को 26 जुलाई 2021 को सेक्टर 28 में स्थित शाही एक्सपोर्ट कंपनी से ROSCTL लाइसेंस के जरिये ठगी की शिकायत मिली थी. नीतीश अग्रवाल के मुताबिक, पुलिस ने यह मामला सुलझाते हुए दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कर्नाटक से नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में दिल्ली के रहने वाले मनोज राणा, मनीष कुमार, प्रवीन कुमार, मनीष कुमार मोगा और रायचूर (कर्नाटक) निवासी गणेश परसुराम और महाराष्ट्र निवासी भूषण किशन ठाकुर (मुंबई), राहुल रघुनाथ (रायगढ़), संतोष सीताराम (पुणे) शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इनके अलावा चेन्नई निवासी सुरेश कुमार जैन और न्यू राजेंद्र नगर दिल्ली निवासी ललित कुमार जैन को भी गिरफ्तार किया गया है.
इस तरह से आरोपियों ने हरीश को लूटा
उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को विशेष छूट प्रदान की जाती है. इसे ROSCTL लाइसेंस कहा जाता है. लाखों रुपये मूल्य के लिए ये एक तरह से ऑनलाइन डिस्काउंट कूपन होते हैं. ROSCTL लाइसेंस डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) से उपयोग किए जा सकते हैं या किसी अन्य को बेचे भी जा सकते हैं.
आरोपी मनोज राणा, मनीष कुमार, प्रवीन कुमार और मनीष कुमार मोगा विदेश व्यापार महानिदेशालय में क्लर्क स्तर पर काम कर चुके हैं. वे निदेशालय की कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हैं. वे पहले बड़ी-बड़ी कंपनियों के इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड को निकालते और उनका रिकॉर्ड चेक करते थे. साथ ही यह पता लगाते थे कि कंपनी के खाते में कुल कितनी रकम के ROSCTL लाइसेंस हैं. इसके बाद उस कंपनी के डायरेक्टर के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे. इन फर्जी दस्तावेज से फर्जी व्यक्ति का वीडियो शूट करवाकर फर्जी डीएससी जारी करा लेते थे. असली कंपनी की जानकारी के बिना उसके ROSCTL लाइसेंसों को धोखाधड़ी से अपनी फर्जी कंपनी में ट्रांसफर कर लेते थे.
गिरोह में शामिल आरोपित भूषण और राहुल किसी भी व्यक्ति के नाम पर एक फर्जी कंपनी पंजीकृत करवा देते थे. ऐसे में आरोपी मनीष मोगा ने एक वीडियो बनाकर खुद को शाही कंपनी का निदेशक हरीश आहूजा के तौर पर पेश किया और उनकी एक फर्जी डीएससी आइडी बनवा ली. इस आइडी से शाही एक्सपोर्ट कंपनी के 27.61 करोड़ रुपये के 154 ROSCTL लाइसेंस को ब्लैक कर्व कारपोरेशन के नाम ट्रांसफर करा लिया था. 
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