राम मंदिर के लिए 500 साल 'तपस्या' क्या इसलिए की थी?

समाजवादी पार्टी ने इस पर कड़ा एतराज जताया है

Update: 2021-12-24 04:25 GMT
अमिताभ अग्निहोत्री.
अब इसे सूबे की सियासत का अहम हिस्सा कहें या कुछ और… यूपी में जब भी चुनाव आते हैं, तो राम मंदिर का मुद्दा किसी ना किसी तरह से अचानक अंगड़ाई लेने ही लगता है…लेकिन इस बार मामला थोड़ा सा अलग है…बीजेपी जहां भव्य राममंदिर निर्माण को लेकर मोर्चे पर है…वहीं विपक्ष अयोध्या में जमीन की खरीद को लेकर मैदान में है…
क्या है मामला ?
आरोप हैं कि, एक दलित की 21 बीघा जमीन को ट्रस्ट बनाकर मंदिर के नाम पर खरीदा गया…और फिर उस ट्रस्ट से कई लोगों ने वो जमीन खरीद ली…अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि, आस्था पर नहीं लूट पर सवाल है…लोगों ने बचत करके, कैसे कैसे चंदा दिया आप जिम्मेदार लोग हैं तो अब लूट की जिम्मेदारी भी आप की है.
दरअसल, अयोध्या में नेताओं से लेकर नौकरशाहों तक, अधिकारियों से लेकर बड़े अफसरों तक…राम के नाम, आस्था के काम और जमीन के दाम पर हुए खेल का ऐसा खुलासा हुआ है कि, हर कोई हैरान है…मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या के डीएम रहे अनुज झा के पिता ने 28 मई 2020 को खरीदी, हालांकि, इस पर अनुझ झा का कहना है कि, 'अयोध्या एक धार्मिक स्थल है और मेरे पिता बुजुर्ग हैं. अगर वह अपने अंतिम दिनों में यहां रहना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है'
विपक्ष का एतराज
समाजवादी पार्टी ने इस पर कड़ा एतराज जताया है, अनुराग भदौरिया कहते हैं कि, "जब से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की योगी जी की सरकार आई है यहां भू-माफिया राज चल रहा है चारों तरफ भू-माफिया पैदा हो गए और तो और अयोध्या जैसी पवित्र नगरी में प्रभु राम की जमीन पर भी भू-माफिया पैदा हो गए यहां के सरकारी अधिकारी उनके नाते-रिश्तेदारों ने जमीनें खरीद लीं बीजेपी के नेता उनके नाते-रिश्तेदारों ने जमीनें खरीद लीं जब चोरी पकड़ी गयी, तो योगी जी क्या कह रहे हैं जांच होगी. जांच तो बहुत सी चीजों की हो रही है रिजल्ट कब आया है?"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 15 अफसरों के परिवार और रिश्तेदारों ने भी अयोध्या में जमीन खरीदी है…इनमें अयोध्या कमिश्नर एमपी अग्रवाल के ससुर और बहनोई, डीआईजी अयोध्या रहे दीपक कुमार की पत्नी की बहन, पूर्व मुख्य राजस्व अधिकारी अयोध्या रहे पुरुषोत्तम दास गुप्ता के रिश्तेदार, रिटायर्ड आईएएस उमाधर द्विवेदी, पूर्व एसडीएम अयोध्या आयुष चौधरी की चचेरी बहन के अलावा मेयर, लेखपाल, कानूनगो और पेशकार के परिवार और रिश्तेदारों ने अयोध्या में जमीन खरीदी है….
चुनाव से पहले इस मुद्दे के मायने
बहरहाल, राम नाम की इस लूट के आरोपों पर सख्त हुई है योगी सरकार…सरकार की तरफ से ये साफ संदेश दिया गया कि, इस गंभीर मसले पर सरकार माफी नहीं देगी,चुनाव से पहले उठे इस मुद्दे पर विपक्ष को बैठे-बिठाए एक और मुद्दा तो मिल ही गया है, लेकिन सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि, विशेष सचिव राजस्व मामले की जांच कर एक हफ्ते में सरकार को रिपोर्ट देंगे…लेकिन चुनाव से पहले उठे इस मुद्दे पर एक सवाल है कि, कि, वाकई हुई है सौदेबाजी या चुनाव से पहले अयोध्या पर है सियासतबाजी?
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