दिन-प्रतिदिन कश्मीरी पंडितों का कत्ल हो रहा है। उनके घर-बार और चल-अचल संपत्तियों पर देशद्रोही तत्वों की बुरी नजर है। उनके बीवी-बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। भारत सरकार के प्रयत्नों से उनका पुन: आवास करवाया गया था, लेकिन लगता है शत्रुओं की कुत्सित विचारधारा उन्हेें चैन से नहीं रहने देना चाहती।
एक अत्यंत कुटिल चाल के अनुसार उनको पलायन के लिए विवश किया जा रहा है। ठीक वैसे ही जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या लाखों से घटकर अब नाममात्र रह गई है। यही थ्योरी कश्मीर में चल रही है। बाहर से वहां कामकाज को गए हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। इस हिंसा पर पूरी तरह लगाम कब लगेगी, कोई नहीं बता सकता है। सरकार को कुछ ठोस करना चाहिए
-किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर
By: divyahimachal