पेट्रोल, डीजल और कृषि कानूनों के आगे क्या

कृषि कानूनों के आगे क्या

Update: 2021-12-03 06:00 GMT
केंद्र सरकार के लिए यह महीना पीछे हटने का है। दो नवंबर को 13 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 30 विधानसभा और एक लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजे दो नवंबर को आए थे। उसके बाद से ही सरकार के पीछे हटने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बड़ी कमी की। पेट्रोल पर पांच रुपए और डीजल पर 10 रुपए लीटर की कमी की गई। उसके बाद सरकार ने तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। अब सवाल है कि इसके आगे क्या होगा? क्या पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सरकार और भी कुछ उपाय करेगी?
जानकार सूत्रों के मुताबिक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर भी कोई फैसला कर सकती है। प्रधानमंत्री ने इस मसले पर एक कमेटी बनाने का ऐलान किया है। किसानों को खुश करने के लिए सरकार इसकी पहल कर सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और कमी होगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटे हैं। एक डॉलर कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई है। माना जा रहा है कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां कीमतों में थोड़ी और कमी कर सकती हैं। यह भी तय माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले चुनाव तक पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी नही होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री के दौरे जारी रहेंगे और राज्य को नई नई सौगात मिलती रहेगी। लेकिन पूरा ध्यान महंगाई कम करने पर केंद्रित रहेगा।
नया इण्डिया 
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