अनुच्छेद 370 हटने के 2 साल बाद कश्मीर में क्या बदला ? IIT-IIM-एम्स-मेट्रो बदल पाएंगे तस्वीर!

कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग कहा गया है वो पड़ोसी देश की साजिशों

Update: 2021-08-04 13:16 GMT

संयम श्रीवास्तव।  कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग कहा गया है वो पड़ोसी देश की साजिशों, आतंकवादी गतिविधियों और देश के कन्फ्यूज नेतृत्व के चलते करीब 4 दशकों से जल रहा था. लगता था कि हजारों निर्दोष लोगों और सुरक्षा बलों को मौत की नींद सुलाने, लाखों कश्मीरी पंडितों के बेघर करने वाली काली रात की कभी सुबह होगी भी या नहीं? पर केंद्र सरकार के आज से 2 साल पहले 5 अगस्त 2019 को लिए गए एक साहसिक फैसले ने कश्मीर की जिंदगी बदल दी. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को समाप्त कर दिया. इस एक्ट के खत्म होते ही इन दो सालों में राज्य की तस्वीर बदलने लगी है. आज कश्मीर में बहार है. इस राज्य का पुराना रुतबा लगता है लौट आएगा.

पूरे देश से पहुंच रहे सैलानी, नई इंडस्ट्री, राज्य के लोगों के लिए वर्ल्ड क्लास एजुकेशन, हेल्थ और सोशल सिक्युरिटी के लिए हो रहा खर्च देखकर कुछ ऐसा ही लगता है. वह दिन दूर नहीं जब प्राकृतिक खूबसूरती से समृद्ध इस राज्य में होने वाला विकास इसे भौतिक रूप से भी दुनिया का स्वर्ग बना देगा. देश भर से आने वाले निवेश के साथ साथ जम्मू कश्मीर में आए दिन होने वाली आतंकवादी हिंसा, पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी के आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर के बुरे दिन अब खत्म हो रहे हैं. कश्मीर में अब नई सुबह हो चुकी है. अब बस दिन के जवान होने का इंतजार है.

1-विकास के दरवाजे खुले
दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में इन दो सालों में करीब 2 एम्स , 7 नए मेडिकल कॉलेज, 5 नए नर्सिंग कॉलेज, 2 कैंसर संस्थान, जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो, आईटी पार्क सहित 7500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है. फाइनेंशल एक्सप्रेस के अनुसार भारत सरकार की ओर पीएमडीपी स्कीम के तहत 80 हजार करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं. इस फंड से राज्य में आईआईटी, आईआईएम और एम्स बनाए जा रहे हैं. निश्चित है कि इन संस्थानों के खुलने की उम्मीद से जम्मू कश्मीर में एक नया माहौल बना है.
एएनआई में छपी सऊदी गजट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन 2 सालों में राज्य में विकास की रफ्तार तेज हुई है. प्रधानमंत्री डिवेलपमेंट पैकेज ( पीएमडीपी) के तहत तमाम पेंडिंग परियोजनाएं जो कई दशकों से सुशुप्ता अवस्था में पहुंच गईं थीं उनके रोड़े हटाने का काम किया जा रहा है. यूटी गवर्नमेंट ने पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया बनाकर एक रियल एस्टेट पॉलिसी बनाई है जिससे पारदर्शी तरीके से सरकारी लैंड बैंक से प्राइवेट बिल्डरों को आवंटन हो रहा है. जबकि इसके पहले सरकारी जमीन के आवंटन के लिए बड़े पैमाने घोटाले होते थे. कई सालों से रुके पड़े कम से कम 2 बहुत बड़े आईटी पार्क , कठुआ का एरिगेशन और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है.


इन दो सालों में जम्मू कश्मीर सरकार ने हंड्रेड प्रतिशत घरों में इलेक्ट्रफिकेशन और 24 घंटे बिजली का सपना साकार किया है. ग्रामीण एरिया में 43 परसेंट घरों में पानी का कनेक्शन किया जा चुका है जबकि पूरे देश का औसत 21 परसेंट ही है. 2 सालों में 25 हजार स्टूडेंट की क्षमता वाली करीब 50 नई शैक्षणिक संस्थाएं भी खुली हैं. जिसमें कश्मीरी बच्चों के लिए गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाएगी.

2-पत्थरबाजी और आतंकवादी घटनाओं में 88 परसेंट की कमी
केंद्रीय गृहमंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि इस साल जनवरी से जुलाई के बीच पत्थरबाजी की घटनाओं की तुलना 2019 के जनवरी से जुलाई के बीच की घटनाओं से करें तो पता चलता है कि पत्थरबाजी से अब कश्मीरी युवा तौबा करने लगे हैं. इस तरह के कुल मामलों में अब तक करीब 88 परसेंट कमी आ गई है. एमएचए के अनुसार 2019 में जनवरी से जुलाई के दौरान 618 मामले पत्थरबाजी के दर्ज हुए थे जो 2020 में 222 रह गए और 2021 में घटकर केवल 76 ही रह गए. सबसे अधिक खुशी इस बात की है कि पैलेट गन से घायल होने वालों की संख्या में भी भारी गिरावट हुई है. जो 2019 में 339 थी पर इस साल घटकर मात्र 25 रह गई.

3-देश भर से आ रहा निवेश
जम्मू कश्मीर को देश भर से बड़ी संख्या में निवेश के ऑफर मिल रहे हैं. इसलिए निवेश का लक्ष्य जो पहले 30 हजार करोड़ रुपये था, को बढ़ाकर 50 हजार करोड़ कर दिया गया है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मीडिया को बताया कि सरकार को इतने बड़े पैमाने पर ऑफर मिलने की संभावना नहीं था. हमारा आंकलन था कि 25 हजार करोड़ तक निवेश मिल सकता है. उनके मुताबिक अब तक 20 हजार करोड़ का निवेश मिल चुका है. देशभर के उद्योगपतियों ने कश्मीर आने में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई इसलिए अब सरकार ने लक्ष्य अपना बढ़ाकर 50 हजार करोड़ निवेश कर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे कुछ दिनों में 7 से 8 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.

4-महिलाओं को संपत्ति खरीदने की छूट मिली
अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद महिलाओं और अन्य कमजोर तबकों के जिंदगी में गुणात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद जगी है. अब राज्य की महिलाएं भी जमीन और फ्लैट खरीद सकेंगी और अपनी प्रॉपर्टी अपने बच्चों को भी ट्रांसफर कर सकेंगी. ये अधिकार उन महिलाओं को भी मिल सकेगा जो राज्य के बाहर के लोगों से शादियां करतीं हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं भी शुरू की गईं हैं. अटल पेशन योजना भी शुरू की गई है जो देश भर में जम्मू कश्मीर को छोड़कर लागू हो चुका है.

5-पर्यटकों से गुलजार हुआ कश्मीर घाटी
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के थमते ही कश्मीर फिर सैलानियों से गुलजार हो उठा है. कोरोना की दूसरी लहर के पहले कश्मीर घाटी के सभी होटल फुल थे. दूसरी लहर के खत्म होने के बाद फिर कश्मीर में रौनक दिख रही है. डल झील, पहलगाम या गुलमर्ग, हर जगह टूरिस्टों की भीड़ बता रही है धरती के स्वर्ग का आकर्षण बरकरार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ट्वीट करके कश्मीर घूमने के लिए प्रेरित कर चुके हैं. राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया था कि वैश्विक महामारी के दौर में भी कश्मीर में पर्यटन को घरेलू पर्यटकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. उन्होंने बताया था कि जनवरी 2019 में जहां कश्मीर में केवल 3700 पर्यटकों का आगमन हुआ वहीं जनवरी 2020 में यह संख्या 19000 हजार पहुंच गई थी. पर्यटन विभाग के अनुसार, इस साल ( 2021) जुलाई माह के पहले सप्ताह में रोजाना औसतन 1200 पर्यटक पहुंच रहे थे. जबकि वीकेंड पर तीन हजार पर्यटक घाटी पहुंच रहे हैं. इस साल अब तक कश्मीर में करीब 1.55 लाख पर्यटक आ चुके हैं. इनमें 850 विदेशी हैं. करीब 26 फिल्मों की शूटिंग कश्मीर में चल रही है.
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