बेटियों को मान-सम्मान देने के उद्देश्य से दुनिया भर में सितंबर के चौथे रविवार को विश्व बेटी दिवस मनाया जाता है। इसी तरह भारत में कंजक पूजन की भी परंपरा रही है। नवरात्र के दौरान कन्याओं का पूजन करने की परंपरा पूरे देश में निभाई जाती है, लेकिन दुख की बात है कि इसके बावजूद कुछ लोगों की बेटियों की प्रति सोच पुराने वाली ही है। बेटियों को एक तरह से बोझ समझा जाता है। उनकी पढ़ाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जाता। मां-बाप को बस जल्दी रहती है कि किसी तरह बेटी के हाथ पीले करके उसे ससुराल भेज दिया जाए, वह तो पराया धन है। इसलिए उसकी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। भारत में बेटी सुरक्षित भी नहीं है। जगह-जगह से बेटियों के साथ दुराचार होने के समाचार दिन-प्रतिदिन आते रहते हैं। बेटियों के प्रति हमें पुरानी सोच बदलनी होगी।
-श्रेया शर्मा, कांगड़ा
By: divyahimachal