आंदोलन को लेकर अडि़यल रवैया ठीक नहीं
सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए हैं और किसानों ने भी आंदोलन अब खत्म कर दिया है
कोई भी आंदोलन कभी भी देशहित में नहीं कहा जा सकता, क्योंकि आम जनता के साथ-साथ आंदोलनकर्ता भी इससे हानि ही प्राप्त करते हैं। राजनीति चमकाने वालों की अपने-अपने ढंग से इसे भुनाने की कोशिश बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण तथा चिंतनीय विषय है। एक पक्ष द्वारा तथाकथित तीन कानून वापस लेकर न ही अपनी पीठ थपथपाने की आवश्यकता है और न ही दूसरे पक्ष को देरी से कानून वापस लेने संबंधी सरकार के रवैये को लेकर ऊल-जलूल ढंग से जलती में घी डालना व मांगों के पिटारे को खोलते ही जाना, कदापि देश हित में नहीं। अतः 'मैं न मानूं' की प्रवृत्ति पर विराम लगाना ही होगा। यह देशहित में है कि सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए हैं और किसानों ने भी आंदोलन अब खत्म कर दिया है।
-डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ