राहुल गांधी की असंवेदनशीलता और कांग्रेस की कठहुज्‍जती

भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा सदस्‍य राहुल गांधी ने 6 अगस्‍त को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर आखिरी ट्वीट किया था

Update: 2021-08-09 11:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ओम प्रकाश| भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा सदस्‍य राहुल गांधी ने 6 अगस्‍त को सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर आखिरी ट्वीट किया था. उसके बाद से उनकी कोई पोस्‍ट नहीं आई. उसके अगले दिन शनिवार 7 अगस्‍त को कांग्रेस का आधिकार‍िक बयान आया कि ट्विटर ने राहुल गांधी का अकाउंट निलंबित कर दिया था. यह तथ्‍य सही नहीं था, जिसे बाद में कांग्रेस ने भी माना. अकाउंट दरअसल ट्विटर पर दिख रहा है, लेकिन राहुल गांधी वहां अब कोई पोस्‍ट नहीं कर सकते. ट्विटर ने उनका अकाउंट अस्‍थाई रूप से ब्‍लॉक कर दिया है.

ट्विटर ने यह कदम बेवजह नहीं उठाया. इसके पहले राहुल गांधी ने गैरजिम्‍मेदारी और असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए दिल्ली कैंट के नांगल गांव में रेप और हत्‍या का शिकार हुई 9 साल की बच्‍ची के परिवार वालों के साथ अपनी फोटो ट्विटर पर पोस्‍ट कर दी. परिवार की फोटो सार्वजनिक करना एक तरह से रेप विक्टिम की पहचान को भी सार्वजनिक करना था. जाहिर है, यह कानूनन गलत था. तो इस पर ट्विटर ने एक जिम्‍मेदार कदम उठाते हुए राहुल गांधी का वह ट्वीट और फोटो डिलिट कर दी. लेकिन ट्विटर यहीं नहीं रुका. उसने कांग्रेस नेता का ट्विटर हैंडल अस्‍थाई रूप से ब्‍लॉक करते हुए आगे कोई ट्वीट कर सकने का रास्‍ता ही ब्‍लॉक कर दिया.

ट्विटर के इस कदम के पीछे किसकी मंशा, किसकी चाल और किसकी लगाम है, इसे लेकर तो राजनीति पिछले दो दिनों से हो रही रही है. कांग्रेस ने हंगामा बरपा रखा है. युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के ट्विटर इंडिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. इसे विरोधी और सत्‍तारूढ़ पार्टी की हरकत बता रही है.

फिलहाल इसके पीछे की राजनीति यहां बहस का मुद्दा नहीं है. इस वक्‍त जब चारों ओर सब लोग गलत सवाल पूछ रहे हैं, हम उन तमाम सवालों को दरकिनार कर सिर्फ एक सही सवाल पूछना चाहते हैं-

1- क्‍या 9 साल की रेप विक्टिम बच्‍ची की पहचान इस तरह सार्वजनिक रूप से उजागर करना अनैतिक और असंवेदनशील नहीं था.

2- अगर यह अनैतिक था तो इसके लिए राहुल गांधी ने अब तक माफी क्‍यों नहीं मांगी.

3- क्‍या राहुल गांधी को ज्‍यादा जिम्‍मेदारी, समझदारी और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए माफी नहीं मांगनी चाहिए कि उनसे गलती हो गई.

सारे गलत सवालों को छोड़कर इस वक्‍त हमें यह सही सवाल पूछने की जरूरत है. हालांकि सही सवाल पूछते ही उसके जवाब में गलत कुतर्कों का कोई अंत नहीं होता. वही कठहुज्‍जत, जो इस वक्‍त कांग्रेस कर रही है. कांग्रेेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी की पूर्व सांसद व SC आयोग की मेम्बर ने तीन अगस्त को बच्‍ची के मां-बाप के साथ अपनी फोटो जब ट्विटर पर लगाई तो ट्विटर को कोई आपत्ति नहीं हुई. न उन्‍होंने फोटो डिलिट की, न अकाउंट ब्‍लॉक किया. लेकिन जैसे ही राहुल गांधी ने उस परिवार के साथ अपनी फोटो लगाई तो बीजेपी के इशारे में टि्वटर तत्‍काल सक्रिय हो गया. राहुल गांधी बेटी के लिए न्याय मांगे तो वो अपराध है.

यह तर्क सियासत के चश्‍मे से तो सही दिखाई दे सकता है, लेकिन इंसानियत के चश्‍मे से सही नहीं दिखेगा. अगर कोई दूसरा गलत हरकत करता है, तो उसकी गलती से हमारा गलत सही नहीं साबित हो जाता.

राजनीतिक दांव-पेंचों और कूटनीतिक बुद्धि में हम भले राहुल गांधी को बहुत उम्‍मीद से न देखते हों, लेकिन इंसानियत और मनुष्‍यता की परीक्षा में उनके नंबर कभी कम नहीं हुए. जिस तरह हाथरस जाकर राहुल और प्रियंका ने पीडि़त परिवार के प्रति अपनी संवेदना और करुणा दिखाई, जितने सम्‍मान और आदर से अनेकों मौकों पर वो स्त्रियों के साथ पेश आते दिखते है, उन तमाम अनुभवों के साथ स्त्रियों और उनसे जुड़े अपराधों के मामले में उनसे हम ज्‍यादा संवेदनशीलता और जिम्‍मेदाराना व्‍यवहार की उम्‍मीद करते हैं. हम उम्‍मीद करते हैं कि अपनी राजनीतिक छवि चमकाने की कोशिश में वो अपने दायित्‍वबोध को नहीं भूलेंगे.

लेकिन इस बार राहुल गांधी के व्‍यवहार से इतनी निराशा इसलिए हाथ लगी है कि दो दिन बीतने के बाद भी उन्‍होंने अभी तक माफी नहीं मांगी. उन्‍होंने एक भी बार इस बात को स्‍वीकार तक करने की जहमत नहीं उठाई कि इस तरह रेप विक्टिम के परिवार की और उसकी पहचान को उजागर करना कानूनन अपराध और मानवता की दृष्टि से निहायत गैरजिम्‍मेदाराना कदम था.

ऐसा अकसर पढ़ने-सुनने में आता है कि राहुल गांधी की साहित्‍य में भी काफी रुचि है. वो दुनिया भर का साहित्‍य भी पढ़ते हैं. तो उसी साहित्‍य और कला के हवाले से हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्‍या आपने ये नहीं पढ़ा कि गलती करना उतना बुरा नहीं है, जितना अपनी गलती को न मानना और अपनी जिद पर अड़े रहना. अगर राहुल गांधी अपनी गलती को स्‍वीकार करते हुए माफी मांग लेते तो ऐसा करने से उनका कद ऊंचा ही होता. भूल अपराध नहीं है. भूल बहुत मानवीय चीज है. हर मनुष्‍य भूल करता है, लेकिन जो उस भूल को स्‍वीकार कर माफी मांग ले, वो एक मनुष्‍य और नेता, दोनों रूपों में ऊंचा उठ जाता है.

लेकिन इस बार इतनी गंभीर भूल के बाद भी राहुल गांधी का माफी न मांगना ये साबित करता है कि लड़की के प्रति संवेदना और जिम्‍मेदारी से ज्‍यादा जरूरी कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों के लिए अपनी राजनीतिक छवि और विरोधी पार्टी के साथ लड़ाई है. इसीलिए तो माफी मांगने के बजाय अब कांग्रेस कठहुज्‍जत पर उतर आई है.

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