पंजशीर का संकट
तालिबान ने अब पंजशीर पर भी कब्जा कर लेने का दावा कर दिया है। सिर्फ यही प्रांत रह गया था जिस पर नियंत्रण के लिए पिछले कई दिनों से तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट आॅफ अफगानिस्तान के लड़ाकों में भीषण जंग चल रही थी।
तालिबान ने अब पंजशीर पर भी कब्जा कर लेने का दावा कर दिया है। सिर्फ यही प्रांत रह गया था जिस पर नियंत्रण के लिए पिछले कई दिनों से तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट आॅफ अफगानिस्तान (एनआरएफए) के लड़ाकों में भीषण जंग चल रही थी। एनआरएफए की अगुआई अहमद मसूद के हाथ में हैं। हालांकि मसूद ने पंजशीर पर तालिबान के नियंत्रण के दावे को खारिज कर दिया है और अंतिम सांस तक लड़ने की बात कही है। पंजशीर के हालात को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वे गंभीर संकट का संकेत दे रही हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि पंजशीर पर कब्जे के लिए तालिबान की मदद के लिए पाकिस्तान ने लड़ाके भेजे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस वक्त एनआरएफए ही तालिबान के लिए सबसे बड़ा कांटा साबित हो रहा है। इसलिए तालिबान इसे निकाल फेंकना चाहता है। पर यह इतना आसान भी नहीं है। पंजशीर पर कब्जे की जंग देश को गृहयुद्ध की ओर धकेलने की शुरूआत है।