भारत की हत्या संभव नहीं

Update: 2023-08-10 19:09 GMT
By: divyahimachal  
प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर नहीं गए, क्योंकि वह मणिपुर को हिन्दुस्तान का हिस्सा नहीं मानते। उन्होंने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया है। मणिपुर में भारत की हत्या कर दी है…भारत माता की हत्या की गई है…मेरी मां की हत्या की गई है, क्योंकि मणिपुर की सरजमीं ही मेरी मां है। यही भारत माता है। यही हिन्दुस्तान है, जिसे मारा जा रहा है। सत्ता-पक्ष की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा-ये देश के रखवाले नहीं, हत्यारे हैं। ये देशद्रोही हैं, देशभक्त और देशप्रेमी नहीं हैं। कांग्रेस सांसद का यह अत्यंत गंभीर आरोप था कि सरकार पूरे देश में केरोसिन (मिट्टी का तेल) फेंक रही है। फिर चिंगारी देकर आग लगा रही है। मणिपुर को जलाने के बाद इन्होंने हरियाणा में भी आग लगाई। ये पूरे देश को जला देना चाहते हैं।’’ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वक्तव्य का यह आक्रामक, आवेशी, अभूतपूर्व और एंग्री यंगमैन वाला अंदाज था। भाषण की शब्दावलि ऐसी नहीं थी कि वह संसद के सदन में बोली जा सके। स्पीकर ओम बिरला ने भी उन्हें दो-तीन बार टोका कि सदस्य संयम से बोलें। भारत माता हम सब की मां है, लेकिन राहुल गांधी के आक्रोशी, तीखे तेवर बरकरार रहे। सांसदी बहाल होने के बाद यह उनका पहला वक्तव्य था। वह इस नाजुक मौके को भुना सकते थे। उन्होंने करीब 40 मिनट तक भाषण दिया, जिसमें करीब 15 मिनट तक उनके तेवर बेहद आक्रामक रहे। उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कुछ संस्मरणों से वक्तव्य की शुरुआत की। बेहद संयत और शांत अंदाज में बोलते रहे। सदन को विश्वास दिलाया कि आज आप आराम से बैठें। वह ऐसा कुछ नहीं बोलेंगे, जो आपको चुभे।
यह उनकी रणनीति हो सकती थी, क्योंकि वह अचानक मणिपुर पर आए। अपने प्रवास के दौरान जिन दो महिलाओं से मिले, उनकी पीड़ा, दुख, मुश्किलों के बारे में सदन को बताते रहे। अचानक आक्रामक हो गए। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिल पाई कि राहुल गांधी के भाषण का कितना अंश ‘रिकॉर्ड’ से बाहर निकाल दिया गया है। राहुल ने संसद में भावुक और उत्तेजित भाषण दिया और अपने पक्षधर समर्थक-समूह को संबोधित कर संदेश दे दिया। दरअसल राहुल का भाषण लाक्षणिक भी था। जिस तरह भारत को एक ‘आवाज’ मानते हुए उन्होंने ‘लक्षणा’ शब्द-शक्ति का प्रयोग किया, उसी तरह उन्होंने मणिपुर को ‘जीवंत प्राणी’ माना, जिसकी हत्या की गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी संसदीय क्षेत्र में राहुल गांधी की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रही हैं और 2019 के आम चुनाव में वह विजयी रही थीं। राहुल अब केरल के वायनाड से सांसद हैं। भाजपा ने पलटवार के लिए स्मृति को ही उतारा। उन्होंने भी आक्रामक जवाब में हुंकार भरी कि भारत कभी भी खंडित नहीं किया जा सकता, लिहाजा उसकी हत्या का प्रश्न ही नहीं उठता। मणिपुर भारत का अभिन्न अंग है। हमारा भी यही मानना है कि भारत या भारत माता की हत्या असंभव है। राहुल कुछ और शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे। भारत माता तो अखंड, अजर, अमर, अविभाजित है। बहरहाल स्मृति ईरानी ने आपातकाल, सिख-विरोधी दंगों, कश्मीरी पंडित महिलाओं का सामूहिक बलात्कार और बर्बर हत्याएं, राजस्थान में 14 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद उसे भ_ी में जला देने की दरिंदगी और बंगाल में औरतों के साथ अमानवीय अत्याचार आदि घटनाओं का जिक्र कर स्थापित करने की कोशिश की कि इतिहास खून से सना है, फिर भी भारत मां का अस्तित्व यथावत, जिंदा मौजूद है।
बीते संपादकीय में हमने विश्लेषण किया था कि अविश्वास प्रस्ताव खासकर मणिपुर के हालात पर है, लेकिन 2024 के मद्देनजर सियासत ज्यादा खेली जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने घर, बिजली, गैस, पानी, शौचालय, मुफ्त अनाज, बैंक खातों में नकदी पैसा, किसान सम्मान राशि से लेकर दलित, पिछड़ों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, नौजवानों तक मोदी सरकार की विभिन्न नीतियों के ब्योरे भी पेश किए। ये ब्योरे कमोबेश अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अप्रासंगिक थे। अब अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम पर नजर है।

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