ऐसा भी हुआ खिलवाड़
अगर हम किसी जागरूक समाज का हिस्सा होते, तो ये खबर आते ही इस बड़ा तहलका मचता।
अगर हम किसी जागरूक समाज का हिस्सा होते, तो ये खबर आते ही इस बड़ा तहलका मचता। अगर देश में लोगों को लगान के लिए खराब गुणवत्ता वाला वैक्सीन जारी कर दिया गया, तो आखिर किसी की तो इसके लिए जवाबदेही बनती है। और जिसकी गलती या बदनीयती से ऐसा हुआ, वह सख्त सजा का हकदार है। लेकिन ऐसी बातें अगर चर्चा के केंद्र में भी नहीं आती हैं, तो उस समाज के भविष्य को लेकर सिर्फ आशंकित हुआ जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भारत सरकार की टीकाकरण सलाहकार समिति के प्रमुख एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की सप्लाई इसलिए धीमी पड़ी हुई है, क्योंकि शुरूआत में इसके कुछ खेप अच्छी गुणवत्ता के नहीं थे। मुद्दा यह है कि आखिर उन खेपों को किसने हरी झंडी दी? आखिर सरकारी विभाग ने ऐसा कैसे होने दिया?