इस साल 14 जुलाई को हमारे देश के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा तक टैकनोलॉजी पहुंचा कर वहां की जानकारी हासिल करने और विज्ञान में चंद्रमा को और समझने के लिए चंद्रयान-3 मिशन शुरू किया था। यह मिशन तेजी से चांद की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि निधार्रित समय इसी साल 23 अगस्त तक यह मिशन पूरा हो जाएगा। हमारे देश के मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक नाकामयाब अंतरिक्ष मिशन का उदाहरण देते हुए कहा था कि कैसे उनका रॉकेट पागल होकर ऑर्बिटर में जाने की जगह कहीं और पहुंच गया था। ऐसा उदाहरण उन्होंने शायद इसलिए दिया था कि उन्होंने भी अंतरिक्ष अभियानों में असफलता का सामना किया था। बहरहाल पिछली विफलता से सबक लिए जाने की संभावना है।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal