12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया। बच्चों को बाल श्रम के दुष्प्रभावों से बचाने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। बहुत ही अफसोस और शर्मनाक है कि आज आजाद भारत में छोटे-छोटे बच्चे गरीबी के कारण मजदूरी करने को विवश हैं। आज भारत की बच्चों के पोषण के मामले में स्थिति भी कोई खास अच्छी नहीं है। गरीब लोग भी अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुनहरी सपने देखते हैं, लेकिन गरीबी के कारण कुछ लोगों के सपने चकनाचूर हो जाते हैं। क्या कभी किसी भी सरकार ने गरीब बच्चों के बारे में गंभीरता से सोचा है कि इनके भी कुछ सपने हैं, ये भी पढ़ाई कर अपना सुनहरी भविष्य बनाना चाहते हैं? क्या आज कोई ऐसे बच्चों के दुख-दर्द को समझने वाला है?
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal