धरती की पुकार सुन लो…
ऐसा माना जाता है कि धरती पर लगभग 300000 वनस्पति और जीव-जंतु हैं, लेकिन
ऐसा माना जाता है कि धरती पर लगभग 300000 वनस्पति और जीव-जंतु हैं, लेकिन इनसान ने अपने स्वार्थ के लिए पर्यावरण को इस कदर बिगाड़ दिया कि इनमें से बहुत से जीव-जंतु लुप्त हो गए और कुछ लुप्त होने के कगार पर हैं। यह जैव विविधता के लिए ख़तरे का संकेत है। प्रकृति की शान पशु, पक्षियों और हर प्राणी से है। जब किसी के सिर स्वार्थ सवार हो जाता है तो वो अपने हित को पूरा करने के लिए अपने आसपास की अच्छी चीजों, बातों को भी अनदेखा कर देता है। प्रकृति के साथ भी इनसान ऐसा ही कुछ कर रहा है। अपनी सुख-सुविधाओं की खातिर प्रकृति की नाक में दम तो किया ही है, साथ ही प्रकृति के सौंदर्य को चार चांद लगाने वाले वन्य जीवों, पशु-पक्षियों की रक्षा करना भी इनसान भूल गया है। इसके गंभीर परिणाम होंगे।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा