गुजरात टाइटंस के गबरू क्रिकेटर पहली बार आईपीएल के मैदान पर उतरे और चैंपियन बनकर लौटे। इसका प्रथम श्रेय कप्तान हार्दिक पंड्या को जाता है। वह इससे पहले किसी भी टीम के कप्तान नहीं रहे, कार्यवाहक के रूप में भी कप्तानी नहीं की, लेकिन चैंपियन टीम का हिस्सा जरूर रहे। हार्दिक मुंबई इंडियंस के लिए खेलते रहे। वह टीम रिकॉर्ड पांच बार चैंपियन बनी, जिनमें चार बार हार्दिक भी हिस्सेदार थे। गुजरात टाइटंस के क्रिकेटर भी अलग-अलग टीमों के लिए जरूर खेलते रहे, लेकिन 2022 के आईपीएल में उन्होंने नई टीम के लिए शिरकत की और चैंपियन बने। ऐसा लगता है मानो चैंपियन बनना उनके खून में था, उनके संस्कार और जुनून भी चैंपियन के थे! आईपीएल की दूसरी नई टीम लखनऊ की थी, जो तीसरे स्थान पर रही। इस तरह गुजरात टाइटंस ने आईपीएल में एक और इतिहास रच दिया। प्रतियोगिता का 2008 में प्रथम चैंपियन बनकर राजस्थान रॉयल्स ने भी इतिहास लिखा था, जो इस बार उपविजेता रही। यह विश्व चैंपियन बनने से कम उपलब्धि नहीं है, क्योंकि आईपीएल में विश्व चैंपियन टीमों-ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और श्रीलंका-के क्रिकेटर भी खेलते रहे हैं। इस बार सर्वाधिक 863 रन बनाने और 'ऑरेंज कैप' विजेता बटलर की 4 शतकों, 4 अर्द्धशतकों की पारियों में 45 छक्कों के विस्फोटों को कौन भूल सकता है?
बटलर इंग्लैंड के बल्लेबाज हैं। इसी टीम के 27 विकेट लेकर 'पर्पल कैप' पहनने वाले घुमावदार गेंदबाज युजवेंद्र चहल को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बेशक उनकी टीम चैंपियन नहीं बन पाई, लेकिन विश्वस्तरीय खिलाडि़यों के अप्रतिम खेल को कमतर नहीं आंका जा सकता। बहरहाल गुजरात टाइटंस ने चैंपियन बनकर क्रिकेट के तमाम पंडितों और समीक्षकों को गलत और कागजी साबित कर दिया। उन्होंने खिलाडि़यों के खेल की गहराई और संतुलन का आकलन नहीं किया, वे बड़े नामों तक ही केंद्रित रहे। यह फाइनल ऐसा था, जिसमें धोनी, विराट और रोहित सरीखे कद्दावर क्रिकेटर गायब थे। यकीनन कप्तान हार्दिक पंड्या बहुमुखी प्रतिभा के क्रिकेटर हैं, यह इस बार ऐतिहासिक तौर पर प्रमाणित हुआ है। उन्होंने कप्तान की भूमिका में जबरदस्त, सटीक नेतृत्व किया, टीम को लामबंद करके रखा, आक्रामक और चतुराई भरी गेंदबाजी की और विस्फोटक बल्लेबाज वह हैं ही। यह प्रतियोगिता हार्दिक के लिए अग्नि-परीक्षा थी, क्योंकि वह चोटिल होने और ऑपरेशन बगैरह कराने के बाद खेल में वापसी कर रहे थे। वापसी इतनी आसान नहीं होती। अग्नि-परीक्षा में हार्दिक न केवल 'कुंदन' बनकर सामने आए हैं, बल्कि भविष्य के टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर उन्होंने दस्तक दी है। मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा का खेल अब ढलान पर लगता है, पांच बार की चैंपियन उनकी मुंबई इंडियंस टीम रसातल में रही है। टी-20 सीरिज के लिए टीम इंडिया के कप्तान चुने गए केएल राहुल को टक्कर देने की उपलब्धि हार्दिक ने हासिल की है। हार्दिक को ऑयरलैंड के खिलाफ टीम इंडिया का कप्तान भी बनाया जा रहा है। शुरुआत तो हो रही है। दरअसल हार्दिक ने कप्तानी के रंग, गुण और तेवर भी प्रदर्शित किए हैं। आईपीएल भारत और विश्व में क्रिकेट का सबसे बड़ा मंच बनकर उभरा है।
खिलाडि़यों के लिए करोड़ों रुपयों के साथ-साथ करियर की संभावनाएं भी यहीं हैं। दुनिया में सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार उमरान मलिक को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिल रहा है, तो वह आईपीएल में उनकी तूफानी-सटीक गेंदबाजी के आधार पर ही है। इसी तरह आईपीएल में कई नौजवान चेहरे क्रिकेट मैदान पर खेलते दिखे, तो यह भारत के भविष्य की मजबूती ही रेखांकित करता है। भारत में क्रिकेट की आज भरी-पूरी जमात उपलब्ध है। देश का क्रिकेट बोर्ड भी करोड़ों रुपए का कारोबार कर समृद्ध हो रहा है। उससे विश्व स्तर पर हमारी ताकत बढ़ेगी। हमारे जो बुजुर्ग और महान खिलाड़ी रहे हैं, वे भी किसी न किसी भूमिका में क्रिकेट से जुड़े हैं। इससे खेल में सुधार और उभार होगा तथा सेवानिवृत्ति के दौर में खिलाडि़यों को आर्थिक तौर पर विपन्न नहीं रहना पड़ेगा। हमारा सुझाव है कि महिला क्रिकेट के लिए भी आईपीएल की शुरुआत की जाए, ताकि उनमें भी नए-नए हार्दिक पंड्या तलाशे जा सकें। यह हर्ष का विषय है कि अब भारत में भी महिलाएं क्रिकेट खेल रही हैं। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबलों में भाग ले रही हैं। एक समय था जब क्रिकेट को पुरुषों का खेल माना जाता था। लेकिन अब क्रिकेट खेलने के लिए महिलाएं भी आगे आ रही हैं और वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।