रेवडिय़ां यानी फ्रीबीज को लेकर चुनाव आयोग ने भले ही राजनीतिक पार्टियों को घोषणापत्र में मुफ्त रेवडिय़ो के वादों के साथ फंड कहां से आयगा, इसका भी जिक्र करने को कहा है, लेकिन इससे लगता नहीं है कि फ्रीबीज पर लगाम लग जाएगी। देश की प्रबुद्ध जनता चाहती है कि फ्रीबीज के रिवाज को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक तरह का वोट के लिए रिश्वत माना जा सकता है। मेरा मानना है कि फ्री राशन बांटना, फ्री बिजली-पानी, फ्री बस यात्रा, फ्री गैस सिलेंडर देना, फ्री लैपटॉप, फ्री साइकिल व वर्दी देना, सब रिश्वत है और इन पर पूरी तरह पाबंदी होनी चाहिए ताकि जनता के टैक्स के पैसे से वोट अर्जित करने का धंधा बंद हो सके। फ्रीबीज के आधार पर ही चुनाव जीतने-हारने का खेल कराना हो तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाएगा?
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal