राहत की उड़ान

दो साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गई हैं। इससे यात्रियों को तो राहत मिली ही है, विमानन कंपनियों की भी सांस में सांस आई है। वरना दो साल से लोग भी परेशान थे और कारोबार नहीं होने से विमानन कंपनियों का संकट भी गहराता जा रहा था।

Update: 2022-03-29 04:05 GMT

Written by जनसत्ता; दो साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गई हैं। इससे यात्रियों को तो राहत मिली ही है, विमानन कंपनियों की भी सांस में सांस आई है। वरना दो साल से लोग भी परेशान थे और कारोबार नहीं होने से विमानन कंपनियों का संकट भी गहराता जा रहा था। पर अब उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही स्थितियां सामान्य हो जाएंगी और उड्डयन क्षेत्र फिर से ऊंचाइयां छूने लगेगा।

इन दो सालों के दौरान सीमित उड़ानें होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विमानन कंपनियों ने किराए भी तीन-चार गुने तक बढ़ा दिए थे। इसके अलावा लोगों को अपने गंतव्य देश तक पहुंचने के लिए लंबे मार्ग के जरिए यात्रा के लिए मजबूर होना पड़ रहा था और भारी किराया चुकाना पड़ रहा था। इस कारण लाखों लोगों ने लंबे समय तक यात्रा टाले रखी।

लोग न तो विदेशों में रह रहे अपने परिजनों के पास जा पा रहे थे, न ही वहां से भारत लौट पा रहे थे। पर कोरोना संकट से उबरने और हालात सामान्य होते देख सरकार ने इस महीने के शुरू में अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू करने का फैसला कर लिया था। इस वक्त छह भारतीय और साठ विदेशी विमानन कंपनियों ने चालीस से अधिक देशों के लिए अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गई थीं। ऐसा महामारी को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए सख्त कदमों के तहत करना पड़ा था। पाबंदी लगने से पहले दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की हवाईअड्डों पर कोई जांच नहीं हो रही थी और कई देशों से संक्रमित लोग भारत में आ गए थे। हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया सैंतीस देशों के साथ समझौते के मुताबिक एअर ट्रांसपोर्ट बबल की व्यवस्था की गई थी, ताकि आपात मामलों में लोग आ-जा सकें। पर अन्य देशों में आना-जाना मुश्किल बना हुआ था।

अब नियमित उड़ानें शुरू होने के बाद एअर बबल व्यवस्था भी समाप्त हो गई है। अब विमान यात्रा को लेकर कहीं कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि अभी भी चीन, हांगकांग, कोरिया, आस्ट्रिया, डेनमार्क, स्पेन, इटली जैसी जैसे देशों के लिए मंजूरी नहीं दी गई है, जहां संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मगर बड़ी बात यह कि आठ साल बाद मुंबई से पोलैंड और वियतनाम के लिए फिर से सीधी उड़ानें शुरू हो रही हैं। दिल्ली से नैरोबी की भी सीधी उड़ान शुरू होगी। मिस्र, मलेशिया और तुर्की के लिए भी लिए भी रास्ते खुल गए हैं। जाहिर है, ऐसे में विमानन कंपनियां अब सस्ते से सस्ते पैकेज लाने की होड़ में लगेंगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग विमान यात्रा करें। इसी बीच हवाई जहाज का र्इंधनमहंगा होने से विमानन कंपनियों के लिए एक नई मुश्किल भी खड़ी हो गई है।

कोरोना महामारी के कारण दो साल में दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई। पर्यटन और सेवा क्षेत्र पर इसका भारी असर पड़ा। दरअसल, पर्यटन उद्योग के साथ कई तरह के कारोबार जुड़े होते हैं। करोड़ों लोगों का रोजगार इन्हीं पर टिका होता है। इसलिए अब उम्मीद यह है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से पर्यटन उद्योग में जान आएगी। भारत में हर साल करोड़ों विदेशी पर्यटक आते हैं। आगामी गर्मी के मौसम के लिए पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने आकर्षक पैकेज पेश करने भी शुरू कर दिए हैं। जाहिर है, इंतजार केवल अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं शुरू होने का था।


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