उम्मीद का टीका
देशों की प्रयोगशालाओं में कोरोना का टीका तैयार करने का काम चलता रहा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बीच कई देशों की प्रयोगशालाओं में कोरोना का टीका तैयार करने का काम चलता रहा। पहले रूस से यह खबर आई कि वहां स्पुतनिक-वी नामक टीका तैयार हो गया जो इस महामारी से बचा सकेगा। समूचे परिदृश्य में इसे एक उम्मीद की तरह देखा गया और इसी सिरे को आगे बढ़ाते हुए कई देशों के चिकित्सा वैज्ञानिक और ज्यादा पुख्ता टीका बनाने की कोशिश में लगे रहे।
अब आॅक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना टीके को आपात इस्तेमाल के लिए ब्रिटेन के दवा नियामक की मंजूरी मिलने की खबर वैश्विक स्तर पर इस बीमारी से जूझ रहे देशों और लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन कर आई है।
बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ब्रिटेन के लोगों को आॅक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की खुराक मिलनी शुरू हो जाएगी। हालांकि इससे पहले ब्रिटेन ने फाइजर कंपनी के टीके को आपात इस्तेमाल की इजाजत दी थी और अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों को इसकी पहली खुराक दी जा चुकी है। लेकिन अब आॅक्सफोर्ड के टीके को भी वहां मंजूरी मिल गई है।
स्वाभाविक रूप से ब्रिटेन में टीके को मंजूरी मिलने के बाद अब भारत में भी इस मसले पर उम्मीदें बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि यहां इस्तेमाल के लिए स्वीकृति हासिल करने के मामले में आॅक्सफोर्ड का कोरोना टीका सबसे पहले स्थान पर है। भारत में दवा बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आॅक्सफोर्ड के कोराना टीके का वितरण करने जा रही है।
ब्रिटेन में इसके प्रयोग और असर को देखने के बाद अगले कुछ दिनों में इस मसले पर भारत सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। यों प्रधानमंत्री ने इस बारे में संकेत दे दिए हैं और कहा है कि नया साल इलाज की आशा लेकर आ रहा है; देश में टीके को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं और अब दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होगा।
कहा जा सकता है कि आॅक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके को ब्रिटेन में मंजूरी मिलने के बाद भारत या दुनिया के दूसरे तमाम देशों के लोगों के बीच यह उम्मीद भी जगी है कि अब उन्हें एक लाइलाज बीमारी की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि उसका टीका उपलब्ध होगा।
पिछले नौ-दस महीनों के दौरान महामारी का सामना करती हुई दुनिया के लगभग सभी देशों ने स्वास्थ्य से लेकर अर्थव्यवस्था सहित तमाम मोर्चे पर कितने दंश झेले हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। अब टीका तैयार होने से जुड़ी खबरों के बाद निश्चित रूप से दुनिया भर में एक सकारात्मक संदेश गया होगा। लेकिन यह ध्यान रखने की जरूरत है कि टीका आने की खबर के बाद फिलहाल मामूली लापरवाही भी एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है।
इसलिए महज टीका आने की खबर या टीका लेने के बाद अगले कुछ समय तक हर स्तर पर कोरोना से बचाव से संबंधित सावधानी बरतनी होगी।। साथ ही उम्मीदों के बीच टीके के दुष्प्रभावों से संबंधित आशंकाओं को दूर करने की जरूरत होगी। इसके अलावा, कोरोना के नए स्वरूप के खतरे के बारे में अब लगभग सभी लोग जान चुके हैं।
यानी अब दुनिया के सामने नए कोरोना की चुनौती भी खड़ी हो गई है। कई देशों में इससे लोगों के संक्रमित होने की खबरें आ चुकी हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि चिकित्सा वैज्ञानिकों ने यह उम्मीद जताई है कि कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों में भी टीका कारगर तरीके से काम करेगा।उम्मीद का टीकाउम्मीद का टीका