जज की टिप्पणी को राजनीतिक दृष्टि से न देखें
सरकार के तीन अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका मंे से न्यायपालिका संविधान की रखवाला होती है
सरकार के तीन अंगों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका मंे से न्यायपालिका संविधान की रखवाला होती है और चेक्स एंड बैलैंस की संवैधानिक भूमिका निभाती है। हाल में हुए तथाकथित प्रकरणों से उत्पन्न तथाकथित विवाद के चलते माननीय न्यायपालिका की जुबानी टिप्पणियों को लेकर कुछ लोगों को क्यों एतराज होने लगा, यह वही बता सकते हैं, लेकिन यह जरूरी नही होता है कि हर टिप्पणी लिखित में हो। ऐसा नही लगता है कि कानून में ऐसा कहीं लिखा होगा कि सब टिप्पणियां लिखित में होनी चाहिए। जब विधायिका से जुडे़ माननीय और कार्यपालिका से जुडे़ अधिकारी जुबानी टिप्पणियां कर सकते हैं तो न्यायपालिका की जुबानी टिप्पणियों पर बहस करने का क्या औचित्य रहता है? हर प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से देखने से बचने में ही समझदारी होगी।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
सोर्स- divyahimachal