राजनीतिक दलों को चंदे पर अंकुश लगे…

Update: 2022-09-08 19:05 GMT
 राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का फंडा को देशवासियों को समझने की जरूरत होगी और दलों को कारपोरेट्स से मिलने वाले हजारों करोड़ के चंदे को पारदर्शी बनाने की मांग हर देशवासी को उठाने की जरूरत होगी। कारपोरेट हो या कोई और हो, पर किसी के पास भी फालतू का पैसा नही होता है जो खैरात में बांटना शुरू कर दे। कारपोरेट जगत दलों को चंदा इसलिए देते हैं ताकि सरकार बनने के बाद सरकार की छत्रछाया में उनका कारोबार दोगुनी-चौगुनी हो सके।
चंदा देने वाले कारपोरेट्स को सरकारें टैक्स में भारी रियायतें देकर हजारों करोड़ का फायदा पहुंचाती हैं, पर सरकारी तिजोरी को नुकसान होता है। बड़े-बड़े ठेके दिए जाते होंगे, शायद बैंकों से कर्ज दिलाने में भी सहायता करते होंगे। इसलिए चंदे पर कुछ हद तक अंकुश लगना चाहिए।
-रूप सिंह नेगी, सोलन

By: divyahimachal

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