दिशा रवि अरेस्ट: मत करें राजद्रोह का बेजा इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में 22 वर्षीय दिशा रवि को राजद्रोह और आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में 22 वर्षीय दिशा रवि को राजद्रोह और आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। यह हैरान करने वाली घटना है। जलवायु परिवर्तन पर काम करने वाली दिशा ने रूंधे गले से अदालत को कहा कि वो किसी साजिश में शामिल नहीं थी और कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का सिर्फ समर्थन कर रही थी। वहीं, दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा टूलकिट में संपादन करके खालिस्तानी ग्रुप को मदद कर रही थी।
हालांकि, इस मामले के केंद्र में आई टूलकिट के जरिए प्रदर्शनों की बुनियादी जानकारी देकर ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीकों से प्रदर्शन की अपील की गई थी, लेकिन इसमें हिंसा भड़काने जैसी कोई बात नहीं थी जो किसी भी केस में राजद्रोह का आरोप लगाने के लिए जरूरी है। दिशा को ज्यादा-से-ज्यादा सरकारी नीतियों का विरोधी माना जा सकता है, लेकिन विरोध कब से गैर-कानूनी हो गया? चूंकि उसकी गिरफ्तारी और हिरासत में रखने की प्रक्रिया में पर भी संदेह हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट या दिल्ली हाई कोर्ट को यह जरूर देखना चाहिए कि कहीं दिशा के कानूनी अधिकारों का हनन तो नहीं हुआ है।