यह माना जाता है कि राजनीति में कोई भी घटना अचानक नहीं होती है, बल्कि हर घटना को सुनियोजित ढंग से अमल में लाया जाता है। ऐसा ही कुछ वाकया नोटबंदी से जोड़ा जा सकता है। विषेशज्ञों की मानें तो 2016 की नोटबंदी राजनीति से प्रेरित थी और नोटबंदी का असली मकसद यूपी चुनाव में विपक्षी दलों की पैसों की पाइप लाइन को अवरुद्ध कर उन्हें हानि पहुंचाना रहा होगा। याद रहे कि 2016 नोटबंदी से देशवासियों को भारी नुक़सान हुआ, सरकारी खजाने को सैंकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ। कुछ महीनों के बाद कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं और सरकार का 2000 रुपए के करंसी नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा का मकसद भी संभवत: विपक्षी दलों के पैसों की पाईप लाईन को अवरुद्ध करना हो।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal