पाकिस्तान में संकट
पाकिस्तान में सियासी संकट फिर गहराना न सिर्फ शर्मनाक, बल्कि दुखद भी है
पाकिस्तान में सियासी संकट फिर गहराना न सिर्फ शर्मनाक, बल्कि दुखद भी है। तकनीक से धन तक, हर छोटी-बड़ी चीज के लिए दुनिया के देशों पर निर्भर पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार ने अविश्वास मत प्रस्ताव से बचने के लिए विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहरा दिया है। विचित्र स्थिति के बीच वहां रविवार को संसद भंग कर दी गई है और अब सबकुछ ठीक रहा, तो 90 दिनों में चुनाव कराए जाएंगे। जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था, तब संसद के डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का हवाला देते हुए प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया। हालांकि, स्पष्ट है कि वहां सरकार संसद का विश्वास खो चुकी है और उसने खुद को कुछ दिन और सत्ता में बचाने के लिए यह कदम उठाया है। अब इमरान खान की पूरी कोशिश होगी कि वह कथित विदेशी ताकतों को ही मुद्दा बनाकर चुनाव में जाएं और लोगों से वोट मांगें। क्या पाकिस्तान के मतदाता इमरान खान पर विश्वास करेंगे? इशारा साफ है कि पाकिस्तान में आगामी चुनाव बहुत नाटकीय होंगे। बड़े-बड़े दावों और वादों की बौछार होगी।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान