बच्चों का भविष्य और शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म: वायरल के 'वायरस' से बीमार होता बचपन
बच्चों का भविष्य और शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म
टिक टॉक या रील्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आज अनैतिकता या अश्लीलता फैलाने के आरोप लगने लगे हैं। इन छोटे रील्स वीडियो में नाचने गाने के अलावा बहुत से विषयों पर वीडियो देखने को मिलते हैं।
हर तरह का आयुवर्ग अलग-अलग विषयों पर वीडियो बनाने में जुटा हुआ है जिनमें अश्लीलता और बेहूदगी अपने चरम पर है। वीडियो में काम कर रहे अभिनेता कहीं बहुत छोटे कपड़े पहने दिखते हैं तो कहीं उनके डांस स्टेप्स इतने अश्लील होते हैं कि देखने वाले की नजर झुक जाती है।
समाज में बढ़ती बेचैनी और शिकायतें
इधर, कुछ वीडियो में अलग विषय पर वीडियो बनाया जा रहा है लेकिन उसमें बजने वाला ऑडियो इतना अश्लील होता है कि पॉर्न फिल्मों का भाव आता है। इन वीडियो के चलते बहुत से लोग अब अपनी शिकायतें दर्ज करवाने लगे हैं।
अक्सर नाचने-गाने वाले वीडियो या उछलकूद से संबंधित वीडियो पार्क ,मेट्रो स्टेशन, सड़कों, गलियों या ऐसे स्थानों पर फिल्माए (शूट) जाते हैं जहां आम नागरिकों का आना-जाना लगा रहता है या जहां बैठकर वे सुकून के दो पल बिताने आते हैं। ऐसे में ये रील्स बनाने वाले अक्सर इस तरह का माहौल बना देते हैं जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आजकल बहुत बार लोग इनकी शिकायतें करते हुए मिल रहे हैं।
ये बॉलीवुड या भोजपुरी के अश्लील गानों पर जिस तरह नाचते हैं वह लोगों को बहुत असहज कर देता है। ये लोग यहीं तक नहीं रुकते अपना टैलंट दिखाने के लिए कई बार पब्लिक प्लेस पर ऐसे खतरनाक स्टंट करते हैं जिनसे कई मौकों पर लोगों को चोटें लग जाती हैं या उनकी जान को खतरा बना रहता है। इन वीडियो को देखने से कलेजा मुंह को आ जाता है।
क्विक मनी या तुरत फुरत कमाए जाने वाले पैसे की ओर आकर्षित इन युवाओं को लगता है कि पढ़ाई-लिखाई में समय गंवाकर कुछ ख़ास हासिल नहीं किया जा सकता। इन लोगों को इस रास्ते में शोहरत अमीरी नहीं दिखती इसलिए वे शॉर्टकट चुनते हैं।
ऐसे वीडियो बनाके रातोंरात प्रसिद्धि प्राप्त करना लिखाई-पढ़ाई की तुलना में कहीं आसान दिखता है। ये लोग भविष्य की तरफ मुंह मोड़कर बैठे हुए हैं। इनके ये वीडियो कब तक चलेंगे कितना पैसा अर्जित कर पाएंगे जैसे प्रश्न इनके लिए मायने नहीं रखते।
रील्स या ऐसे वीडियो में आप अधिकतर युवा लड़के लड़कियों को नाचते गाते देख सकते हैं। उनका नाचने गाने या इस तरह के वीडियो पर रोक लोकतान्त्रिक अभिव्यक्ति को रोकना होगा लेकिन छोटे छोटे बच्चों का इन वीडियो में काम करना किसी लिहाज से सही नहीं है।
छोटे बच्चे और बालश्रम कानून
हमें बच्चों के वीडियो को अलग नजरिए से देखना होगा। बच्चे तकनीकी काम नहीं जानते तो साफ़ है कि इन वीडियो को बनवाने में उनके माता-पिता उन्हीं सहयोग करते हैं। मां-बाप ही वीडियो में बच्चे से अलग-अलग गतिविधियां करवा रहे हैं तो कहीं 12-14 साल के बच्चे खुद वीडियो बना रहे हैं, लेकिन एडिटिंग वगैरह के लिए वे भी परिवार की मदद लेते ही होंगे।
दरअसल, अगर हम बच्चों के लिहाज से इन वीडियो का विश्लेषण करें तो पाएंगे कि ये वीडियो बालश्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पैसा कमाने के उद्देश्य से छोटे-छोटे बच्चों से अलग-अलग तरह के काम या गतिविधियां करवाकर वीडियो अपलोड करना कानूनी जुर्म माना चाहिए।
बच्चों से जुड़े कई ऐसे वीडियो भी देखे गए हैं जिनमें बच्चों से गालियां या अश्लील भाषा बुलवाई जाती है। कुछ वीडियो में बहुत कम उम्र की लड़कियों को वयस्कों की तरह नाचते हुए देखा जा सकता है। वे बॉलीवुड गानों पर अश्लील और भौंडे नृत्य करती है। कम उम्र में वयस्कों जैसा अभिनय करना उनकी हार्मोन संबंधी विकास में बाधा बन सकता है।
सोशल मीडिया पर पाई यह प्रसिद्धि कितनी स्थायी है यह हम पिछले दो दशकों में देख चुके हैं। प्राइवेट चैनलों के शुरू होने के बाद गीत-संगीत और नृत्य के कई प्रतियोगी कार्यक्रम दिखाए जाते रहे हैं जिनमें बच्चों से लेकर युवा भाग लेते हैं। जब तक ये कार्यक्रम एयर होते हैं तक ये प्रतिभागी लाइमलाइट में रहते हैं उसके बाद वे गुमनामी के अंधेरों में खो जाते हैं। इसी तरह रील्स आदि पर प्रसिद्धि पाने वाले ये स्टार्स कब तक अपनी प्रसिद्धि बनाए रखेंगे कहना मुश्किल है।
कई वीडियो में बच्चों से बड़ों का अभिनय करवाया जाता है। कई वीडियो में आप बच्चों को एक प्रौढ़ व्यक्ति की तरह नाचते हुए देख सकते हैं जो किसी लिहाज से बाल मन के अनुकूल प्रतीत नहीं होते। कम उम्र में वयस्कों की तरह अभिनय करने या नाचने वाले इन बच्चों का भविष्य का आप सहज रूप से अनुमान लगा सकते हैं।
इस प्रसंग में सबसे दुखद बात यह है कि इन बच्चों के साथ यह क्रूरता उनके अपने परिवार के सदस्य कर रहे हैं। इस संदर्भ में हाल ही में घटी एक घटना को समझना महत्वपूर्ण होगा।
हाल ही में दिल्ली महिला आयोग ने इस संबंध में शहर की पुलिस को नोटिस जारी रील्स बनाने वाली एक महिला के खिलाफ FIR करने की मांग की है। इस महिला पर आरोप है कि वह अपने 10 -12 साल के बेटे के साथ अश्लील और उत्तेजक भावभंगिमाओं के साथ नाचने वाले वीडियो बनाती थी।
समाज में इन वीडियो के खिलाफ उठती आवाजें
महिला आयोग ने जारी नोटिस में यह भी कहा है कि इन वीडियो में महिला जिस तरह की हरकतें करती हुई दिख रही है उन्हें जिसे नाबालिग बच्चे के साथ यौन गतिवविधियों की श्रेणी में डाला जा सकता है। इस महिला ने एक नाबालिग बच्चे के साथ एक व्यस्क के जिस व्यवहार को अनुपयुक्त माना जाता है उस तरह की हरकतें की हैं चाहे वह उसका अपना बच्चा ही क्यों न हो।
महिला आयोग का यह भी कहना है-
इस मामले में न केवल इस बच्चे का बहुत ही कम उम्र में यौन शोषण किया जा रहा है बल्कि उसकी अपनी मां उसे एक स्त्री को यौन वस्तु समझने की ट्रेनिंग दे रही है। यदि आज इसे नहीं रोका गया तो आगे आने वाले वक़्त में यह बच्चा अन्य महिलाओं को भी इसी नजरिए से देखेगा और इसमें आपराधिक मानसिकता पैदा होगी।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल कहती हैं-
सोशल मीडिया अपनी कला दिखने के लिए एक अद्भुत मंच है लेकिन कुछ लोग लोकप्रियता हासिल करने के लिए बेशर्मी की सभी हदें पार कर जाते हैं।
इन वीडियो को ऐसे इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट किया गया जिसके 1 लाख 60 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। आप आसानी से समझ सकते हैं कि ये वीडियो कितनी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचे होंगे और उनपर किस तरह का प्रभाव पड़ा होगा।
हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकमा में रहने वाले सहदेव का दो साल पुराना एक वीडियो वायरल हो गया है। स्कूल के एक कार्यक्रम में उनके द्वारा गया 'बचपन का प्यार मेरा भूल नहीं जाना रे' गाने का वीडियो उनके टीचर ने इंटरनेट पर अपलोड कर दिया जो आज दो साल बाद वायरल हो गया है। आज वे सातवीं क्लास में है और केवल एक छोटे से गीत से इतने मशहूर हुए कि उनके राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न केवल उनकी सफलता की कामना करते हुए ट्वीट किया बल्कि बाद में उनसे मुलाकात भी की।
बॉलीवुड के मशहूर सिंगर बादशाह ने भी सहदेव को चंडीगढ़ बुलाकर एक गाना रिकॉर्ड करने की बात की। मूल प्रश्न वही बना हुआ है कि इतनी छोटी उम्र में गायकी में किसी तरह की कोई औपचारिक शिक्षा न ग्रहण कर 'जाने मेरी जानेमन' जैसे हलके स्तर के गीत को गाकर प्रसिद्द हुए सहदेव का भविष्य गायकी में किस दिशा की ओर मुड़ेगा अभी कहना कठिन है।
सहदेव की इस अचानक मिली सफलता ने अन्य बच्चों के सामने इस बात की मानों पुष्टि सी कर दी है कि बिना पढ़ाई-लिखाई के भी आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं। किसी भी तरह के घटिया बोल वाले गाने गाकर या उन पर अभिनय कर समाज की स्वीकार्यता प्राप्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए जनता से रिश्ता उत्तरदायी नहीं है।