कहीं आप मानसिक बीमार तो नहीं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक विकार के किसी न किसी रूप से पीडि़त हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक विकार के किसी न किसी रूप से पीडि़त हैं। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने चिंता व्यक्त करते हुए आगाह किया है कि हर सात पीडि़तों में से एक किशोर है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के पहले वर्ष में मानसिक अवसाद और व्यग्रता (एंग्जायटी) में 25 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने नए विश्लेषण को इस सदी के आरंभ से अब तक, मानसिक स्वास्थ्य के विषय में अब तक की सबसे बड़ी समीक्षा बताया है, और सदस्य देशों से बदतर होते हालात से निपटने के लिए ज़रूरी उपाय करने का आग्रह किया है। भारत मंे भी समस्या बढ़ रही है। मानसिक विकार या मानसिक बीमारी ऐसे विषय हैं जिनके बारे में बहुत ही कम लोग बात करते हैं। अक्सर इस स्थिति के शिकार को खुद ही इसका अंदाजा नहीं लग पाता है। लेकिन इसका असर हमारी पर्सनल लाइफ और वर्क लाइफ पर पड़ता है। इसमें इनसान की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। महिलाओं पर इसका असर भयानक होता है। मानसिक बीमारी और व्यक्तित्व विकार जैसी स्थितियों के कुछ खास लक्षण और कारण हैं। मानसिक बीमारी जिसे मानसिक स्वास्थ्य विकार भी कहा जाता है, इसमें ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं जिससे व्यक्ति की मनोदशा, सोच और व्यवहार प्रभावित होता है। जैसे डिप्रेशन, चिंता विकार, सिजोफ्रेनिया, ईटिंग डिसऑर्डर, पर्सनैलिटी डिसऑर्डर आदि। कई लोगों को समय-समय पर घर, ऑफिस या पैसे से संबंधित मानसिक चिंताएं होती हैं, लेकिन यही मानसिक चिंताएं जब काफी समय तक चलती रहती हैं तो ये मानसिक विकार में बदल जाती हैं। मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित इनसान को उपचार के लिए मनोरोग चिकित्सा के साथ-साथ परिवार और दोस्तों के साथ की भी आवश्यकता होती है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के आनुवांशिक, वातावरण, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक आदि कारण हो सकते हैं। मानसिक बीमारी होने की शंका उन लोगों में बढ़ जाती है जिनके परिवार में किसी को पहले मानसिक बीमारी रही हो। जैसे पर्सनैलिटी डिसऑर्डर्स, मंदबुद्धि होना, सिजोफ्रेनिया आदि रोग उन लोगों में ज्यादा मिलते हैं जिनके परिवार में पहले कोई इन बीमारियों से पीडि़त हुआ हो। गर्भ के दौरान लिया गया ज्यादा स्ट्रेस, विषाक्त पदार्थों का सेवन, शराब या ड्रग्स कभी-कभी बच्चे में मानसिक बीमारी का कारण बनते हैं।