26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सन् 1987 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में नशे के बढ़ते दानव को रोकना भी है। नशा हमारे देश के लिए नहीं, बल्कि सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। दुनिया में जो सामाजिक अपराध बढ़ रहे हैं, इसका मुख्य कारण नशा भी है। हमारे देश में भी नशा नासूर बन गया है। देश के विकास में युवा वर्ग का सबसे बड़ा योगदान होता है। स्वस्थ और तंदरुस्त युवा देश के विकास को रफ्तार दे सकते है। लेकिन बहुत अफसोस की बात है कि आज भारत के कुछ युवा नशे के आदी होकर अपनी जिंदगी को नरक बना रहे हैं। नशा नाश का दूसरा नाम है। जिसने भी नशे का दामन एक बार पकड़ लिया उसे नशा मौत के मुंह तक तो ले ही जाता है, साथ ही उसके घर परिवार का भी कई बार नाश कर देता है। -राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal