भारत में विगत एक दशक से सड़क परिवहन में गजब क्रांति देखने को मिल रही है। इस कड़ी में अब इलेक्ट्रिक हाईवे की योजना भी जुड़ गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार दिल्ली और मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बना रही है। इस हाईवे पर वाहनों को सीधे बिजली उपलब्ध हो सकेगी। इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए कहीं रुकना नहीं पड़ेगा। इस विशेष राजमार्ग पर ट्रॉली बस की तरह आप ट्रॉली ट्रक भी चला सकते हैं। ट्रॉली बस एक इलेक्ट्रिक बस है, जो ऊपर से गुजरते तारों से बिजली खींचती है। दरअसल, इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग की है। कुछ निश्चित अंतराल पर वाहनों को रोकना ही पड़ता है, जिसके कारण धन के साथ समय भी खर्च होता है।
अत: पेट्रोल और डीजल वाहनों की जिनको आदत पड़ी हुई है, उन्हें बड़ी सुविधा है। वे मनचाही जगह पर ईंधन भराते हैं और यात्रा लगातार जारी रखते हैं। इलेक्ट्रिक हाईवे भी इसीलिए बनाया जाएगा, ताकि वाहनों की गति में कहीं बाधा न आए। यह व्यवस्था एक तरह से बिजली से चलने वाले रेलवे इंजन की तरह होगी। हालांकि, इस हाईवे पर विशेष किस्म के इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत पड़ेगी, जो लगातार बिजली से दौड़ते रहेंगे। वर्तमान इलेक्ट्रिक वाहनों में भी इस हाईवे के अनुरूप बदलाव करने पड़ेंगे। अभी जो स्थिति है, उसमें जगह-जगह इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधा दी जा रही है। दिल्ली-जयपुर और यमुना एक्सप्रेस-वे को इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसमें एक हद तक कामयाबी मिल भी रही है। फिर भी ई-चार्जिंग स्टेशन अभी पर्याप्त नहीं हैं। इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को अभी रुकना या इंतजार करना पड़ता है। वैसे, अभी नितिन गडकरी ने योजना को पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया है, पर उन्होंने जो सूचना दी है, उसका स्वागत होना चाहिए। देश में अगर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सुविधा बढ़ेगी, तो हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदूषण भी कम होगा। हालांकि, उत्साह के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों को अभी लंबा सफर तय करना है। उनको लेकर शिकायतें भी आ रही हैं, और उनकी कमजोरियां भी उजागर हो रही हैं। देश को तो इंतजार है कि इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो। जब ऐसे वाहन सहज उपलब्ध और किफायती हो जाएंगे, तो लोगों का भी इनके प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
शायद एक समय आएगा, जब देश की सभी मुख्य सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुकूल ढांचा उपलब्ध हो जाएगा। अभी जो हाईवे या एक्सप्रेस-वे हैं, सभी को इलेक्ट्रिक हाईवे में तब्दील किया जाएगा। राजमार्ग विकास में नितिन गडकरी की भूमिका सराहनीय है। वह न केवल राजमार्गों के सुधार में लगे हैं, बल्कि प्रदूषण को घटाने के लिए भी प्रयासरत हैं। हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार 2.5 लाख करोड़ रुपये की सुरंगों का निर्माण कर रही है। सभी जिलों को फोर-लेन सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि राज्य के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में भ्रष्टाचार के कारण भारी वाहन मालिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा आरटीओ की सभी सेवाओं को डिजिटाइज भी करना होगा। कुल मिलाकर, देश में परिवहन क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, जिनसे देश की तरक्की को बल मिलेगा।
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