भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों ने फिर कुछ पाबंदियों की वापसी करा दी है। जब लोग पाबंदियों से निकलकर सामान्य जीवन जीने लगे हैं, तब संक्रमण ने फिर अपना आतंक प्रदर्शित कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी में मास्क की न केवल वापसी हो गई है, बल्कि मास्क न पहनने वालों को 500 रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में बुधवार को यह कड़ा फैसला लेते हुए मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। एक चर्चा तो स्कूलों को लेकर भी थी कि क्या संक्रमण पर अंकुश के लिए स्कूलों को फिर से ऑनलाइन कर दिया जाए। बमुश्किल घरों से निकले बच्चों से ज्यादा उनके अभिभावकों को चिंता हो रही है, क्योंकि किसी-किसी दिन बच्चों में संक्रमण ज्यादा दिख रहा है। पिछले सप्ताह कुछ स्कूलों को बंद भी करना पड़ा था। बहरहाल, फैसला हुआ है कि स्कूल अभी खुले रहेंगे। स्कूलों को खोले रखना जरूरी ही नहीं, मजबूरी भी है। पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई आसान नहीं है। इसके अलावा, स्कूलों का प्रबंधन भी प्रभावित हुआ है, वर्तमान स्कूली ढांचे के तहत स्कूलों के लिए ऑफलाइन होना गंभीर अनिवार्यता है।
दिल्ली में आगामी दिनों में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। डॉक्टर हालात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। बैठक में यह भी चर्चा हुई है कि अभी कोरोना के मामले ऐसे नहीं हैं कि अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़े। जो बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें से ज्यादातर का इलाज घर में ही चल रहा है। अत: स्कूल और आपदा प्रबंधन से जुड़े लोग अभी संक्रमण की रफ्तार जांचने के पक्ष में हैं। अगले 15 दिन अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने के अनुपात को समझा जाएगा। आरटी-पीसीआर टेस्ट में संक्रमित पाए जाने वाले सभी सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का भी फैसला किया गया है। जांच भी बढ़ाई जाएगी, पर इसके लिए लोगों को स्वयं आगे आना होगा। चिकित्सा महकमे को देखना होगा कि जांच की सुविधाओं में कमी नहीं आनी चाहिए। कई बार लोग जांच की परेशानी से बचते हुए ही उपचार को तरजीह देते हैं। जबकि जांच और उसके परिणाम संक्रमण की प्रवृत्ति पर नजर रखने के लिए जरूरी हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि लक्षण वाले सभी लोगों की जांच कराई जाएगी, तो इसके लिए जगह-जगह सरकारी अस्पतालों में इंतजाम भी पूरे रखने होंगे। दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों पर भी नजर रखने का फैसला उपयोगी है, क्योंकि कोरोना से गुजर चुके लोग बड़ी संख्या में तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
फिर दिल्ली की बात करें, तो मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 632 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमण दर अभी भी चिंता की वजह है। 11 से 18 अप्रैल के बीच दिल्ली में दैनिक मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि देखी गई है, इसलिए दिल्ली को देश में कोरोना के नए केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। अत: कड़ाई समय की मांग है, ताकि लॉकडाउन के बाद पूरी रफ्तार पकड़ चुके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थिति हाथ से नहीं निकले। डॉक्टरों का पहले से मानना रहा है कि कमजोर स्वास्थ्य के लोगों को हमेशा मास्क पहनना चाहिए। बेशक, स्कूल खुले रहेंगे, लेकिन स्कूलों को पूरी सावधानी और चौकसी का परिचय देना होगा। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मिजोरम की सरकारों को केंद्र की ओर से सचेत भी किया गया है। मतलब, कोरोना से लड़ाई को अभी कतई खत्म नहीं मानना चाहिए।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान