सरकारी दस्तावेजों में महिला को कर दिया गया मृत घोषित, 3 बच्चों की मां लगा रही मदद की गुहार

सरकारी दस्तावेजों में महिला को कर दिया गया मृत घोषित

Update: 2022-02-13 11:22 GMT
अक्सर आपने दार्शनिक लोगों को पूछते सुना होगा कि मौत के बाद क्या होता? (What happens after death?) कई बार हमारे वेद-पुराणों में भी इस बात का जवाब मिलता है कि मौत के बाद आत्मा के साथ क्या होता है. मगर ब्रिटेन की एक महिला (British woman declared dead by mistake) को 'मरने' के बाद भी सुकून नहीं है. 'मौत' के बाद भी वो प्रशासन से, नगर निगम से गुहार लगा रही है, मदद मांग रही है. इन दिनों इस महिला के काफी चर्चे हैं.
35 साल की समांथा कॉपबर्न (Samantha Copburn) 'मर' चुकी हैं मगर फिर भी जिंदा हैं! आप सोचेंगे कि ये कैसे मुमकिन हो सकता है. दरअसल, सरकारी रिकॉर्ड्स में समांथा को मृत घोषित (Woman declared dead in government records) कर दिया गया है. 3 बच्चों की मां समांथा इस बात से बेहद परेशान हैं और अब प्रशासन से मदद मांग रही हैं क्योंकि उन्हें मिलने वाले आधिकार और कई रियायतें खत्म (Child benefits stopped) कर दी गई हैं जिसके चलते वो बच्चों की ठीक तरह से परवरिश नहीं कर पा रही हैं.
निगम में मृत घोषित कर दिया
द सन वेबसाइट से बात करते हुए समांथा ने कहा कि ये समस्या पिछले साल से शुरू हुई जब उनकी मां ट्रेसी वुडहेड की मौत हुई. जब समांथा ने नगर निगम में मां का डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए रेजिस्टर किया तो निगम कर्मियों ने रिकॉर्ड में उन्हें भी मां के साथ गलती से मृत घोषित कर दिया. इस बड़ी गलती के बाद अब उन्हें चाइल्ड बेनेफिट स्कीम से वंचित रहना पड़ रहा है. अब वो ब्रिटेन की टैक्स अथॉरिटी एचएमआरसी को खत पर खत लिखी जा रही हैं मगर बच्चों के हेल्थ बेनेफिट स्कीम फिर से शुरू नहीं हो रहे हैं.
3 बच्चों की मां हैं समांथा
रिपोर्ट के अनुसार समांथा, 13 साल के जेड, 10 साल की लेक्सी और 5 साल की सारा की मां हैं. उन्होंने कहा कि ये बेहद हैरान करने वाली बात है कि जिंदा होते हुए भी मुझे मृत घोषित कर दिया गया है. महिला ने बताया कि उनके पते पर कई बार निगम से लेटर आते हैं कि कोई आकर समांथा का क्लेम ले ले मगर उनके लाख बोलने के बावजूद भी इस समस्या का हल नहीं निकला है. उन्होंने बताया कि पिछले साल जब मां की डेथ हुई तो उन्होंने डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए निगम में फोन किया था जिससे उन्हें सरकार से अंतिम संस्कार को पूरा करने के लिए फंड मिल जाए. मगर फोन पर अधिकारी ने गलती से मां और बेटी दोनों की डेथ डेट एक ही दिन लिख दी.
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