टूटे हुए दांत को क्यों फेंक देते हैं लोग, क्या मालूम है आपको इस का रहस्य
क्या आपको याद है बचपन में जब बच्चों के दांत टूट जाते थे तो उसे चूहे के बिल में डालने के लिए कहा जाता था ताकि दोबारा दांत जल्द आ सके. हालांकि यह सिर्फ एक मान्यता है. यदि किसी वयस्क का दांत टूट जाए तो ऐसा करना सही नहीं है.
क्या आपको याद है बचपन में जब बच्चों के दांत टूट जाते थे तो उसे चूहे के बिल में डालने के लिए कहा जाता था ताकि दोबारा दांत जल्द आ सके. हालांकि यह सिर्फ एक मान्यता है. यदि किसी वयस्क का दांत टूट जाए तो ऐसा करना सही नहीं है. चलिए हम आपको बताते हैं कि अगर आपका दांत किसी कारणवश टूट जाए तो क्या करना चाहिए. सड़क हादसे या फिर किसी लड़ाई-झगड़े में दांत टूट जाए तो उसे फेंकने के बजाए एक घंटे के भीतर डॉक्टर के पास चला जाए तो वह दोबारा जुड़ सकते हैं और आपको नकली दांत लगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. दांत को जोड़ने के लिए एक तकनीक है, जिसे स्पलिंटिंग टेक्निक कहते हैं. इसके जरिए वापस दोबारा जोड़ा जा सकता है.
कैसे दोबारा जुड़ सकते हैं दांत?
देशभर के कई सरकारी अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो चुकी है. असली दांत को दोबारा लगाने की तकनीक पर काम किया जा रहा है और मरीज को नकली दांत लगवाने की समस्या से निजात मिल रही है. स्पलिंटिंग टेक्निक से किसी भी उम्र के लोगों के दांत तो दोबारा लगाया जा सकता है. हालांकि, ध्यान रखना होगा कि आपको टूटे हुए दांत को कहीं फेंकने के बजाय उसे लेकर तुरंत नजदीकी डेंटिस्ट के पास जाएं. दांत को ले जाने के लिए किसी डिब्बे में दूध भर लें और फिर उसी में डाल दें. अगर मौके पर दूध न मिल सके तो आप उसे अपने मुंह में रखकर ले जा सकते हैं.
नई टेक्निक से दांतों को जोड़ा जा सकता है दोबारा
दांत के डॉक्टर चिरंजीवी जयाम के मुताबिक, टूटे हुए दांत की जगह पर खून जमा हो जाते हैं और इस टेक्निक के सहारे खून को साफ किया जाता है और फिर दांत को जोड़ा जाता है. करीब-करीब एक महीने बाद यह दांत आपस में जुड़ जाते हैं. हालांकि, इसका एक बार नहीं बल्कि दो से तीन बार डॉक्टर से कंसल्ट करना पड़ता है. सरकारी अस्पताल में इसका खर्च सिर्फ 200 रुपये का होता है. उन्होंने यह भी बताया कि इस टेक्निक से हर उम्र के लोगों के दांत जुड़ जाते हैं. याद रखें अगर आपके दांत कभी टूटे तो फेंके नहीं बल्कि उसे लेकर डॉक्टर के पास जल्द से जल्द पहुंचे.