स्पेनिश फ्लू से बचने के लिए नाक में डालते थे व्हिस्की, जानिए

क्या शराब किसी वायरस को समाप्त कर सकती है? यह सवाल कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद से पूछा जाना शुरू हो गया था

Update: 2021-09-22 05:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्या शराब किसी वायरस को समाप्त कर सकती है? यह सवाल कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद से पूछा जाना शुरू हो गया था। किसी रिसर्च या स्टडी ने इस बात का समर्थन नहीं किया और न ही इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण है कि शराब पीने से कोरोना संक्रमण खत्म हो सकता है। लेकिन आज से करीब 100 साल पहले भी एक ऐसी ही महामारी फैली थी जब लोग व्हिस्की को दवा के तौर पर इस्तेमाल करने लगे थे।

साल 1918 में फैली वह महामारी थी, स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu)। उस समय दुनिया में किसी को यह पता नहीं था कि आखिर स्पेनिश फ्लू की वजह क्या है। जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बारे में पता लगाना शुरू किया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

साल 1918 में इस वायरस के बारे में दुनिया के पास जानकारी सीमित थी, लेकिन डाॅक्टरों को बैक्टीरिया के बारे में पता था। फ्लू से मरने वाले लोगों के फेफड़ों में बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया था। लेकिन शोधकर्ताओं को तब झटका लगा कि यह पता चला कि यह दूसरा संक्रमण है और सीधा फ्लू इसकी वजह नहीं है। स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान डॉक्टरों ने फ्लू के लिए कुछ इलाज खोजे और और इस्तेमाल किए जिससे लोगों को फायदा भी हुआ। 

स्पेनिश फ्लू से बचने के लिए व्हिस्की का इस्तेमाल

दुनिया में स्पेनिश फ्लू से बचने के लिए लोग तरह-तरह के इलाज अपनाने लगे थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्पेनिश फ्लू महामारी के दौर में व्हिस्की एक दवा बन गई थी। कई जगहों पर लोग स्पेनिश फ्लू के इलाज में व्हिस्की का इस्तेमाल करने लगे। न्यूजीलैंड की एक नर्स ने स्पेनिश फ्लू के इलाज में व्हिस्की के इस्तेमाल की वकालत की थी। उसने कुनैन और अरंडी के तेल की भी सिफारिश की थी। व्हिस्की से गरारा करना और नाक में डालना था। उस दौरान अखबारों में स्पेनिश फ्लू के इलाज के लिए तरह-तरह की दवाइयां प्रकाशित होती थीं। 

स्पेनिश फ्लू के इलाज में व्हिस्की के इस्तेमाल की सिफारिश करने वाली नर्स भी महामारी की चपेट में आ गई थी। नर्स ने दक्षिण अफ्रीका में स्पेनिश फ्लू के रोगियों की देखभाल की थी उसी दौरान वह वायरस से संक्रमित हो गई। उसने बताया कि उसको 6 सप्ताह तक ब्रांडी और दूध पर जिंदा रखा गया था। 

बाजार में खाद्य पदार्थों की लगी थी भरमार

खाद्य निर्माताओं ने भी स्पेनिश फ्लू के इलाज के लिए तरह-तरह के खाद्य पदार्थ बाजार में उतार दिए। ऑस्ट्रेलियाई बाजार में एक बिल्कुल नए तरीके बीफ अर्क(बोनाक्स) भी मिलने लगा। फ्लू होने के बाद स्वास्थ्य को ठीक करने और ताकत को बढ़ाने के लिए अखबारों में बोनॉक्स के विज्ञापन भी प्रकाशित किए गए थे। साल 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान कोई निश्चित इलाज न होने की वजह से लोग बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते थे। व्हिस्की से स्पेनिश फ्लू के ठीक होने की बात सिर्फ लोगों में एक भ्रम था। धीरे-धीरे स्पेनिश फ्लू महामारी खत्म हो गई, लेकिन व्हिस्की की लोकप्रियता अभी भी बनी हुई है। 

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