जब प्रिंस फिलिप ने क्‍वीन एलिजाबेथ से शादी के लिए त्याग दिया था अपना राजपाट, पढ़‍िए सच्ची और शाही लव स्‍टोरी

सच्ची और शाही लव स्‍टोरी

Update: 2021-04-11 06:57 GMT

99 साल के प्रिंस फिलिप का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. क्‍वीन एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप, महारानी की ताकत थे. यह बात खुद एलिजाबेथ ने सन् 1997 में शादी के 50 साल पूरे होने के मौके पर दी गई अपनी स्‍पीच में कही थी. प्रिंस फिलिप और क्‍वीन एलिजाबेथ की लव स्‍टोरी भी कम दिलचस्‍प नहीं है. प्रिंस फिलिप को क्‍वीन एलिजाबेथ से जब प्‍यार हुआ तो उनकी उम्र 18 साल और महारानी की उम्र बस 13 साल थी.


13 साल की एलिजाबेथ से हुआ प्‍यार
महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप का रिश्‍ता प्‍यार, सम्‍मान और एक-दूसरे को पसंद करने पर टिका था. दोनों की पहली मुलाकात सन् 1939 में ब्रिटानिया रॉयल नेवल कॉलेज में हुई थी. उस समय 18 साल के प्रिंस फिलिप एक नेवी कैडेट थे. इंग्‍लैंड की 13 साल की राजकुमारी एलिजाबेथ वहां मैदान का नजारा कर रही थीं. प्रिंस फिलिप ने पहली बार एलिजाबेथ को देखा और उनसे प्‍यार कर बैठे. कहते हैं कि दोनों ने यहां से किसी और के बारे में कभी नहीं सोचा.
युद्ध से लौटते ही किया प्रपोज
प्रिंस फिलिप और प्रिंसेज एलिजाबेथ के बीच युद्ध के दौर में चिट्ठियों के जरिए संपर्क बना रहा. सन् 1946 में जब वो पैसेफिक थियेटर से वापस लौटे तो उनका रिश्‍ता महारानी के साथ और मजबूत हो गया. कहते हैं कि उसी वर्ष जून में उन्‍होंने महारानी को शादी के लिए प्रपोज किया था. बाल्‍मोर के ग्राउंड पर प्रिंस फिलिप ने शादी का प्रपोजल दिया जिसे एलिजाबेथ नकार नहीं सकीं. बकिंघम पैलेस को कवर करने वाले ब्रिटिश जर्नलिस्‍ट्स के मुताबिक प्रिंस फिलिप ने शादी के लिए एलिजाबेथ को चिट्ठी लिखकर प्रपोज किया था.

प्रिंस फिलिप के खिलाफ थे लोग
प्रिंस फिलिप ने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'युद्ध में बचने और विजय देखने के बाद, मुझे यह मौका मिला है कि मैं आराम कर सकूं और खुद को फिर से एडजस्‍ट कर सकूं, किसी के साथ पूरी तरह से और सादगी के साथ प्‍यार में होने से किसी की व्‍यक्तिगत और यहां तक कि दुनिया भर की मुश्किलें छोटी और तुच्‍छ लगने लगती हैं.' इन दोनों की शादी में कई बाधाएं भी आईं. बहुत से लोगों को लगता था कि प्रिंस फिलिप बहुत अशिष्‍ट, बहुत हद तक जर्मन और ग्रीक हैं. ऐसे में एक ऐसा इंसान जो इंग्लिश नहीं उसकी शादी राजकुमारी एलिजाबेथ से नहीं होनी चाहिए.

त्‍याग दी राजगद्दी
लोगों के विरोध के बाद भी महारानी एलिजाबेथ अपने फैसले पर अडिग थीं. जुलाई 1947 में एक औपचारिक ऐलान किया गया. इसके साथ ही प्रिंस फिलिप के नाम के अंत में माउंटबेटेन जोड़ा गया. इसके कुछ माह बाद प्रिंस फिलिप ने ग्रीस और डेनमार्क की राजशाही में अपने सभी अधिकारों को छोड़ने का ऐलान कर दिया था. प्रिंस फिलिप का जन्‍म ग्रीस में हुआ था और डेनमार्क के शाही घराने से भी उनका संबंध था. इसके बाद क्‍वीन एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज ने प्रिंस फिलिप को उनकी बेटी से शादी की मंजूरी दी.

किंग जॉर्ज का वो बयान
नवंबर 1947 में दोनों की शादी हुई और वेस्‍टमिंस्‍टर एबे में शाही जोड़े ने एक-दूसरे का साथ न छोड़ने की कसमें खाईं. शादी में 2000 मेहमान मौजूद थे. एक गेस्‍ट के सामने किंग जॉर्ज ने टिप्‍पणी की थी, 'मैं हैरान हूं क्‍या फिलिप को पता है कि वो क्‍या कर रहे हैं.' उन्‍होंने आगे कहा, 'एक दिन लिलिबेट (क्‍वीन एलिजाबेथ का निकनेम) महारानी होगी और वो बस उनके साथ चलने वाला बनकर रह जाएंगे. यह दिन राजा बनने से ज्‍यादा मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि वो एलिजाबेथ के लिए सही हैं.'

75 साल तक रहे दोनों साथ
सन् 1952 में किंग जॉर्ज का निधन हो गया और सन् 1953 में महारानी एलिजाबेथ को ताज सौंपा गया. इस दौरान प्रिंस फिलिप अपनी पत्‍नी के सामने घुटनों पर बैठे और उन्‍होंने वादा किया कि वो हमेशा उनके साथ रहेंगे. प्रिंस फिलिप के लिए वादा करना जितना आसान था, निभाना उतना ही चुनौतीपूर्ण था. 50 और 60 के देश में प्रिंस फिलिप पर अफेयर्स के आरोप लगे और ये एलिजाबेथ के साथ उनके रिश्‍ते का सबसे चुनौतीपूर्ण दौर था. इसके बाद भी वो हमेशा महारानी का साथ निभाते रहे. दोनों की शादी करीब 75 साल तक चली
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