आखिर किस रंग का होता है खून?
इंसान की बॉडी सबसे ज्यादा कॉम्प्लेक्स होती है
इंसान की बॉडी सबसे ज्यादा कॉम्प्लेक्स (Complex Human Body) होती है. इसमें कई तरह के राज छिपे हैं. कुछ राज तो ऐसे होते हैं, जिन्हें जानकर आपका दिमाग भन्ना जाएगा. ये छोटी-छोटी चीजें हमारी आंख के सामने रहती है. लेकिन इसके बाद भी हम इनके बारे में कभी गौर से नहीं सोचते. ऐसी ही एक चीज के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आपको तो पता ही होगा कि इंसान की बॉडी में बहने वाला खून लाल रंग (Real Colur Of Blood) का होता है. ये खून इंसान की बॉडी में नसों के जरिये बहती है, यानी नसें पाइप का काम करती है.
अब सवाल ये उठता है कि जब नसों में लाल रंग का खून बहता है तो भला नसों का रंग हरा या नीला कैसे होता है? जी हां, ये सवाल आपको भले ही अटपटा लग रहा होगा लेकिन है सोचने वाली बात. आम तौर पर जिस चीज के अंदर जैसा लिक्विड बहता है बाहर से उसका रंग वैसा ही दिखता है. ऐसे में नसों का रंग भी लाल होना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं होता है. इंसान की बॉडी की नसें या तो नीली होती है या हरी. इसका कारण हम आपको बताते हैं.
इसलिए लाल होता है खून
इंसान के खून का रंग लाल हीमोग्लोबिन की वजह से होता है. इसमें हीम नाम का घटक खून को बॉडी के इधर-उधर ले जाता है. यही बॉडी पार्ट्स तक ऑक्सीजन भी पहुंचाता है. कई लोगों का कहना है कि असल में खून का रंग हरा है. वो बॉडी से बाहर आने पर लाल रंग का दिखने लगता है. नसों के अंदर ऑक्सीजन नहीं होता. इस कारण उसका रंग हरा होता है. जबकि बाहर आने पर इसमें ऑक्सीजन मिल जाता है और इसका रंग लाल हो जाता है. हालांकि, विज्ञान इस बात को गलत ठहराता है.
साइंस का ये जवाब
साइंस के मुताबिक़, नसों के अंदर खून का हरा रंग दिखना असल में ऑप्टिकल इल्यूजन है. दरअसल नीला रंग की प्रकाश लाल रंग के मुकाबले अपने अंदर टिश्यू को उतनी गहराई तक नहीं भेद पाती हैं, जिसकी वजह से इनमें रंगो को परावर्तित करने की क्षमता ज्यादा होती है. इसके ठीक विपरीत लाल रंग की किरणें अंदर तक जा पाती हैं और इनका कुछ ही हिस्सा परावर्तित होकर बाहर दिखाई पड़ता है. यही कारण है कि नसों के अंदर हमें खून लाल की जगह हरा या नीला नजर आता है.