व्हेल मछली की उल्टी से मछुआरे की किस्मत पलटी...25 करोड़ का मिला 'खजाना'

कभी-कभी ऐसा होता है कि आपको उम्मीद से ज्यादा कुछ ऐसा मिल जाता है

Update: 2020-12-02 18:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :  कभी-कभी ऐसा होता है कि आपको उम्मीद से ज्यादा कुछ ऐसा मिल जाता है जिसके बारे में सपने में भी नहीं सोचा होगा. ऐसा ही एक मामला थाईलैंड से सामने आया है जहां एक मछुआरा रातोंरात करोड़पति बन गया. आश्चर्य की बात यह है कि मछुआरा व्‍हेल मछली की उल्टी से करोड़पति बना है.

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नारिस नाम का मछुआरा व्‍हेल की उल्टी को मामूली चट्टान का टुकड़ा समझ रहा था, लेकिन उसकी कीमत 24 लाख पाउंड (लगभग 25 करोड़ रुपये) है. इसका वजन करीब 100 किलो है. इसके साथ ही यह अब तक पाया गया एम्बरग्रीस का सबसे बड़ा टुकड़ा है.
महीने में 500 पाउंड कमाने वाले नारिस ने कभी सोचा नहीं होगा कि जिसे वह चट्टान का टुकड़ा समझ रहा है, वह 24 लाख पाउंड का एम्बरग्रीस है. नारिस का कहना है कि एक बिजनसमैन ने उनसे वादा किया है कि अगर इसकी क्वॉलिटी बेहतर निकली तो इसके लिए उन्हें 23,740 पाउंड प्रति किलो की कीमत दी जाएगी. नारिस सुरक्षा के लिहाज से पुलिस को भी इसके बारे में जानकारी देंगे.
वैज्ञानिक भाषा में इसे एम्बरग्रीस कहते हैं. कई वैज्ञानिक इसे व्‍हेल की उल्‍टी बताते हैं तो कई इसे मल बताते हैं. यह व्‍हेल के शरीर से निकलने वाला अपशिष्‍ट होता है जो कि उसकी आंतों से निकलता है और वह इसे पचा नहीं पाती है. कई बार यह पदार्थ रेक्टम के ज़रिए बाहर आता है, लेकिन कभी-कभी पदार्थ बड़ा होने पर व्हेल इसे मुंह से उगल देती है.
एम्बरग्रीस व्हेल की आंतों से निकलने वाला स्‍लेटी या काले रंग का एक ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ है. यह व्हेल के शरीर के अंदर उसकी रक्षा के लिए पैदा होता, ताकि उसकी आंत को स्क्विड की तेज़ चोंच से बचाया जा सके. आम तौर पर व्हेल समुद्र तट से काफी दूर ही रहती हैं, ऐसे में उनके शरीर से निकले इस पदार्थ को समुद्र तट तक आने में कई साल लग जाते हैं.


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