अजीब प्रयोग: चिकन पैरेंटिंग के जरिए बच्चों को दिया जाएगा मुर्गे के खून का इंजेक्शन, जानें इसका वजह
कोरोना महामारी के बीच चीन बच्चों में एक अजीब सा प्रयोग करने की तैयारी में है।
कोरोना महामारी के बीच चीन बच्चों में एक अजीब सा प्रयोग करने की तैयारी में है। चीन ने कहा है कि जो अभिभावक अपने बच्चों को सुपर किड बनाना चाहते हैं। इच्छा है कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में आगे रहे तो उन्हें चिकन पैरेंटिंग को अपनाना होगा। चीन की चिकन पैरेंटिंग योजना के तहत बच्चों को मुर्गे का खून इंजेक्शन की मदद से लगाया जाएगा। दावा है कि उनकी सभी स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें दूर होंगी। इसमें बांझपन, कैंसर और गंजापन की तकलीफ भी खत्म हो सकती है। सिंगापुर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार चिकन के खून में स्टेरॉयड होता है जो बच्चों को पढ़ाई के साथ खेल के क्षेत्र में बेहतर परफॉर्म करने में मदद कर सकता हैअजीब प्रयोग: चिकन पैरेंटिंग के जरिए बच्चों को दिया जाएगा मुर्गे के खून का इंजेक्शन, जानें इसका वजह।
चिकन बेबी की अलग पहचान
रिपोर्ट में दावा है कि बीजिंग, संघाई और गुवांगझू में चिकन बेबी की अलग पहचान है। चिकन पैरेंटिंग अमेरिका में मौजूद हेलिकॉप्टर पैरेंटिंग जैसा है जिसमें बच्चों को हर क्षेत्र में आगे करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। माना जाता है कि पढ़ाई और नंबर बहुत नहीं है। इसके अतिरिक्त भी बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रयास करने होंगे।
अवसाद और नेत्र संबंधी तकलीफ
नेशनल मेंटल हेल्थ डेवलपमेंट के अनुसार, चीन के 25 फीसदी किशोर वर्ष 2019-20 में अवसाद से पीड़ित थे। 7.4 फीसदी किशोर अवसाद के गंभीर रूप से ग्रसित थे। चीन में बच्चों को दृष्टिदोष की शिकायत भी दुनिया में सबसे अधिक है। मिडिल स्कूल के 71 और हाई स्कूल के 81 फीसदी बच्चों की पास की नजर कमजोर है।