VIDEO: उत्तराखंड आपदा के बाद सुरंग के बाहर 3 दिन से अपने मालिकों का इतंजार कर रहा कुत्ता

इसी वजह से कुत्ता उनसे काफी घुल मिल गया और यहां बैठकर उनका इंतजार कर रहा है.

Update: 2021-02-16 14:27 GMT

उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले (Chamoli district) में बाढ़ से क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है. वहीं, सोशल मीडिया पर एक कुत्ते का वीडियो (Dog Viral Video) काफी वायरल हो रहा है, जो यहां सुरंग के बाहर पिछले तीन दिन से अपने मालिकों का इंतजार कर रहा है. दरअसल, यहां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों के साथ यह कुत्ता काफी घुल-मिल गया था, क्योंकि ये लोग काम के दौरान उसे भी अपने साथ खाना खिलाते थे. इसी वजह से कुत्ता उनसे काफी घुल मिल गया और यहां बैठकर उनका इंतजार कर रहा है.


रिपोर्ट के मुताबिक, आपदा के समय यह कुत्ता यहां मौजूद नहीं था. लेकिन जब वह वापस लौटा तो यहां सबकुछ बदल चुका था. जो लोग रोजाना उसे यहां दिखाई देते थे अब वे सभी यहां नहीं थे. इस आपदा में जीवित बचे 34 वर्षीय राजिंदर कुमार (Rajinder Kumar) ने कहा, कि जब हम यहां काम करते थे तो हम उसे खाना देते थे और वह दिन भर यहीं पर हमारे साथ रहता था. साइट का काम खत्म होने के बाद वह भी यहां से चला जाता था.

कुत्ते ब्लैकी (Blackie) की उम्र करीब दो साल है. उसका जन्म उस समय हुआ जब इस जगह पर प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था. उन्होंने बताया, कि वह हमारे पास रहकर ही बड़ा हुआ. लेकिन जिस दिन बाढ़ आई, वह यहां नहीं था. कुत्ता रात में नीचे चला गया था. जब अगली सुबह वह वापस आया, तो कोई भी पहचान वाला आदमी उसे यहां नहीं मिला. जिसे देखकर वो बहुत दुखी हुआ.

ब्लैकी को यह जगह अजनबियों से भरी हुई लग रही थी. एक स्थानीय निवासी ने बताया कि बचाव दल के लोगों ने ब्लैकी को दूर भगाने की कोशिश की. लेकिन थोड़ी देर बाद वह बार-बार वापस आ जाता. वह सुरंग के बाहर से जाने को तैयार ही नहीं था. उन्होंने कहा, कि हम अब उसकी देखभाल कर रहे हैं, वह सारा दिन, रात भर, सुरंग के बाहर बैठा रहता है. हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही यहां काम करने वाले सुरंग में फंसे अपने साथियों से मिल पाएगा.

देखें Video:


भारतीय वन सेवा के अधिकारी परवीन कासवान ने ट्विटर पर ब्लैकी का एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "इससे आपका दिल पिघल जाएगा," "यह ब्लैकी है और यह शायद सबसे ज्यादा इंतजार अपने मालिकों का कर रहा है, जिनको तपोवन सुरंग से बचाया जाए. यह एक दिल दहला देने वाली कहानी है."



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