पच्चीस साल का हुआ दोमुंहा कछुआ, ऐसे मनाया अपना जन्मदिन

दुनिया में कई तरह के हैरान कर देने वाले जीवों के बारे में आपने सुना होगा. कई अपने विशेष गुणों के लिए जाने जाते है तो कई अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं. जैसे सांप अपने जहर के लिए, चीता अपनी रफ्तार के लिए और चील अपनी उड़ान के लिए जाना जाता है लेकिन कुछ जीव पैदा ही प्रकृति के नियमों के विरुद्ध होते हैं

Update: 2022-09-07 01:47 GMT

दुनिया में कई तरह के हैरान कर देने वाले जीवों के बारे में आपने सुना होगा. कई अपने विशेष गुणों के लिए जाने जाते है तो कई अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं. जैसे सांप अपने जहर के लिए, चीता अपनी रफ्तार के लिए और चील अपनी उड़ान के लिए जाना जाता है लेकिन कुछ जीव पैदा ही प्रकृति के नियमों के विरुद्ध होते हैं. जैसे दो मुंहा सांप, तीन आंख वाला बछड़ा या किसी जेनेटिक विकृती से पैदा हुए जीव को आप इस केटेगरी में रख सकते हैं. एक ऐसा ही जीव हैं जेनेवा का दो मुंहा कछुआ. इस कछुए की खासियत है कि इसके दो मुंह हैं, जो दो अलग अलग ब्रेन से कंट्रोल किए जाते हैं.

और क्या है कछुए की खासियत

जेनेवा के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम (Natural History Museum) का ये दो मुंहा कछुआ इसलिए भी खास है क्योंकि ये अब 25 साल का हो गया है. आमतौर पर देखा जाता है कि जेनेटिक विकृती के साथ पैदा हुए जीव कम दिनों तक ही जिंदा रह पाते हैं. लेकिन इस कछुए का 25साल तक जिंदा रहना अपने आप में एक करिश्मा है. कछुए के दो सिर हैं जो एक ही वक्त पर दो अलग अलग तरह से काम करते हैं. इस कछुए में दो जोड़े फेफड़े (Two Pairs of Lungs) और दो दिल (Two Hearts) भी मौजूद है. जैनस (Janus) नाम का ये कछुआ म्यूजियम के हैंडलर्स के देख रेख में रहता है.

क्या आप जानते हैं कि बाइसिफैली कंडीशन क्या है

आमतौर पर दो मुंहे जीव कम ही देखने को मिलते हैं पर कोई जीव इस कंडीशन में पाया जाता है तो उसे बाइसिफैली (Bicephaly) कहते हैं यानी कि जब कोई जीव जुड़वा पैदा होता है लेकिन उसकी बॉडी अलग नहीं हो पाती है. जैनस के साथ ये पहला केस है जब कोई जीव बाइसिफैली (Bicephaly) कंडीशन के साथ इतने दिनों तक जिंदा है. जैनस की देख रेख करने वाली टीम ने बताया कि जैनस का जन्म 1997 में म्यूजियम में ही हुआ था. जैनस के खाने-पीने का म्यूजियम के द्वारा खास ख्याल रखा जाता है.


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