अजगर से खिलवाड़ की कोशिश से मुश्किल में पड़ी जान, बेटे ने ऐसे बचाया

Update: 2022-11-13 02:01 GMT

 कहावत है आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास। पर, गढ़वा के कितोसोती खुर्द गांव के लोग इस कहावत का प्रयोग बीते बुधवार से कुछ इस तरह कर रहे हैं- गए थे मछली पकड़न को घोटन लगे अजगर...। कहावत या इसके भाव कुछ भी हों, पर जिन पर यह बीती, उनकी जान पर बन आयी। झारखंड के छोटे से गांव की अब यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल है। रोचक वीडियो के रूप में, अजगर की फांस से पिता को बचाने की बेटे की तड़प के रूप में तो जीवन संघर्ष के रूप में।

जानिए क्या हुआ

गढ़वा के कितासोती खुर्द गांव के 55 वर्षीय बिरजालाल भुइयां पास के नहर में मछली मारने गए थे। आजकल नहर में अन्नराज नवाडीह डैम से पानी आने के कारण नहर में मछलियां भी आ रही हैं। आसपास गांव के कुछ और भी लोग थे। मछली मारने के दौरान लोगों को अजगर दिखा। सांप-सांप की आवाज सुनकर बिरजालाल भी वहां पहुंचे। वे नशे में थे। इसी हालात में उन्होंने अजगर को पकड़कर शरीर पर लपेट लिया।

बिरजालाल ने तो खिलवाड़ किया था, पर अब बारी अजगर की थी। कुछ ही देर में अजगर शरीर से लिपटते गर्दन तक पहुंच गया। धीरे-धीरे गर्दन जकड़ने लगा। बिरजालाल का दम घुटने लगा। नशा उतर चुका था। अजगर की चंगुल में फंसता देख जान बचाने की गुहार लगाने लगे। आसपास मौजूद लोग भी उन्हें अजगर से छुड़ाने का प्रयास करने लगे। इसकी सूचना उनके पुत्र नीतीश भुइयां को दी गई। वह सुनते ही नहर की ओर दौड़ पड़ा।

पिता को बचाने की तड़प

बेटा नीतीश जब भागा-भागा पहुंचा तो अजगर पकड़ और मजबूत कर चुका था। पिता खुद चंगुल से निकलने का प्रयास कर रहे थे। 14 वर्षीय पुत्र पिता को बचाने के लिए तड़प उठा। वह जितना छुड़ाने का प्रयास कर रहा था, अजगर उतनी की पकड़ और मजबूत कर रहा था। करीब 15 मिनट के प्रयास के बाद पुत्र अजगर की चंगुल से पिता को छुड़ा पाया। अब पिता की जान से खिलवाड़ से ज्यादा बेटे के साहस की बात हो रही है।


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