ये युवती बन सकती मंगल की सतह पर पहला कदम रखने वाली पहली महिला एस्ट्रोनॉट
अब जबकि मंगल ग्रह पर जाने की लिए नासा सभी तैयारी करने लगा है
अब जबकि मंगल ग्रह पर जाने की लिए नासा सभी तैयारी करने लगा है। ऐसे में उसने यह भी तय कर दिया है कि मंगल की सतह पर सबसे पहला कदम एक महिला का होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एलिसा कार्सन वह पहली महिला बन सकती हैं, जो मंगल ग्रह पर सबसे पहले कदम रखेंगी। मंगल पर जाने वाले इस मिशन के लिए एलिसा कार्सन लंबे समय से तैयारी कर रही हैं।
नासा की योजना है कि इस दशक के अंत तक वह पहले मानव को मंगल की सतह पर उतारेगा। कुछ समय पहले ही नासा ने अपने आधिकारिक बयान में यह बताया था कि मंगल पर सर्वप्रथम एक महिला कदम रखेगी। तमाम अटकलों और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह महिला एलिसा कार्सन बन सकती हैं, जो नासा के इस मिशन के तहत मंगल पर उतरेंगी। आपको बता दें कि एलिसा कार्सन उस टीम का हिस्सा हैं, जो आने वाले वक्त में नासा के तमाम बड़े स्पेस मिशन को अंजाम देने वाला है।
अपने एक इंटरव्यू में एलिसा कार्सन ने बताया था कि जब वह 3 वर्ष की थी, तभी से वह मंगल ग्रह पर जाने का सपना देख रही हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा - "जब मैं 12 वर्ष की हुईं तो मुझे एक टी वी शो (बैकयार्डिगन्स) काफी पसंद था। इस शो में कई सारे अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर जाते हुए दिखाया जाता था।" एलिसन इस समय 20 वर्ष की हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वह अभी एस्ट्रोबायोलॉजी की पढ़ाई कर रही हैं। इनका कहना है कि मंगल मिशन के लिए ये अपने आपको तैयार कर रही हैं। इनकी इच्छा है कि आने वाले समय में ये महिला एस्ट्रोनॉट बन नासा के कई बड़े स्पेस मिशन्स का हिस्सा बनें।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नासा मंगल की सतह पर तो पहली महिला उतारने वाला है। इसके अलावा अर्तेमिस मिशन के अंतर्गत वह 2024 तक चांद की सतह पर भी पहली महिला को उतारेगा। इससे पहले नासा ने मंगल पर अपोलो मिशन भेजे थे, जिसमें सभी के सभी एस्ट्रोनॉट्स पुरुष थे। अब नासा का उद्देश्य अर्तेमिस मिशन के तहत चांद की सतह पर पहली महिला को उतारना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपोलो एक ग्रीक देवता का नाम है। वहीं अर्तेमिस एक ग्रीक देवी का नाम है।