चर्चा में है तमिलनाडु की ये शादी, पिता ने बेटी के दहेज के तौर पर दी साहित्यिक किताबें, बैलगाड़ी पर पहुंचा
पिता ने बेटी के दहेज के तौर पर दी साहित्यिक किताबें
देश में फैली कुछ कुप्रथाओं में से एक है -दहेज. देश के अलग-अलग राज्यों में दहेज का अलग-अलग रूप देखने को मिलता है. कभी-कभी तो लड़कियों को इस कुप्रथा की वजह से अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है. तमिलनाडु में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में दहेज के तौर पर सोना-चांदी नहीं बल्कि साहित्यिक किताबें दी हैं.
तमिल कवि थेंगम मूर्ति ने 20 फरवरी को हुई अपनी बेटी की शादी में दहेज के तौर पर तमिल साहित्य की कुछ महशूर किताबें और कविताएं दी हैं. दहेज का ये सारा सामान बैलगाड़ियों पर सजकर आया था और 9 गायें इसे लेकर शादी समारोह तक पहुंचीं. जिसने भी शादी का ये अनोखा दहेज देखा, वो आश्चर्यचकित रह गया.
तमिल साहित्यकार हैं थेंगम मूर्ति
थेंगम मूर्ति खुद तमिल भाषा के कवि हैं और वे तमिलिनी पुलानम नाम के व्हाट्स ऐप ग्रुप के एडमिन हैं. इस ग्रुप में शामिल लोग तमिल साहित्य को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं और इस भाषा की समृद्धि को अगली पीढ़ी तक ले जाना चाहते हैं. इस ग्रुप से डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस, टीचर और कई साहित्य प्रेमी जुड़े हुए हैं, जो थेंगम मूर्ति की बेटी की शादी में पहुंचे. शादी पुडुकोट्टाई के एक हॉल में हुई थी. चूंकि शादी में दिया जाने वाला दहेज इतना खास था, तो उसे बेहद अलग अंदाज़ में यहां तक पहुंचाया गया. ये बिल्कुल तमिलनाडु का पारंपरिक तरीका था और लोग इसे देखकर हैरान थे.
कैसे पहुंचा दुल्हन का दहेज
दहेज के तौर पर दुल्हन को तमिल के मशहूर कवि- अवइयर, तरुवल्लुवर, काम्बर, भारतियार, कन्नड़सन, इलांगो अदिगल, भरतिदसन, पट्टुकोट्टाइ, कल्यानसुंदरम और वाली की पुस्तकें भेंट की गई थीं. इन किताबों को बैलगाड़ियों में खींचकर लाया गया था. इसके आगे फलों की टोकरियां हाथ में लिए हुए नाचते-गाते लोग पहुंचे. इस दौरान तमिलनाडु का पारंपरिक वाद्ययंत्र उरुमि बजाया जा रहा था. इस शादी में तमिल फिल्मों के एक एक्टर भी शामिल हुए और आस-पास के लोग इस जुलूस को देखकर हैरान थे.