ये कोई प्रेम विवाह नहीं बल्कि बहू की दोबारा शादी है, दो साल पहले पति की हार्ट अटैक से हुई मौत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Wedding News: सास ने अपनी विधवा बहू को न सिर्फ दोबारा शादी के लिए राजी किया, बल्कि मंदिर में पूरे रीति रिवाज से उसकी शादी करवाई. भारतीय समाज में अक्सर कुरीतियों की खबरें आती रहती हैं, लेकिन कभी-कभी इसी समाज से अच्छी परम्पराओं की खबरें आती है तो समाज के सुधार की उम्मीदें बढ़ जाती है. धमतरी से भी अच्छी उम्मीदें जगाने वाली खबर आई है. यहां एक सास ने अपनी विधवा बहू को न सिर्फ दोबारा शादी के लिए राजी किया, बल्कि मंदिर में पूरे रीति रिवाज से समाज को बुलाकर उसकी शादी भी करवाई. इस विवाह की चौतरफा तारीफ हो रही है.
ये कोई प्रेम विवाह नहीं बल्कि बहू की दोबारा शादी है
दरअसल, मंदिरों में अक्सर प्रेमी जोड़े शादी करते है, लेकिन ये शादी कोई प्रेम विवाह नहीं है. ईश्वर को साक्षी मानकर लिए जा रहे ये फेरे एक विधवा और विधुर को नए जीवन के बंधन में बांध रहे है. दूसरी तरफ समाज को सदियों पुरानी कुरीतियों के फेर से बंधन मुक्त करने का संदेश भी दे रहे है. धमतरी के रिसाई पारा के नागेश्वर मंदिर में 32 साल की कृतिलता सिन्हा और 40 साल के दुर्गेश सिन्हा शादी के बंधन में बंध गए. दो साल पहले कृति के पति गजेंद्र की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी. कृति अपने 5 साल के बच्चे के साथ अकेली रह गई.
सास ने बहू को दूसरी शादी करने के लिए मनाया
कृतिलता ने बाकी का जीवन इसी तरह अकेले बिताने को अपनी नियति मान लिया था लेकिन कृति की सास और जनपद पंचायत सदस्य यमुना देवी ने बड़ा फैसला लिया. अपनी बहू को जीवन दोबारा बसाने का फैसला किया लेकिन इस फैसले को अंजाम देना इतना आसान नही था. कृति को राजी करना फिर समाज को इस विधवा विवाह को स्वीकार करवाना बड़ी चुनौती थी, लेकिन दोनों ही काम में ज्यादा समस्या नहीं आई और आज दोनों शादी करके एक साथ रहने के लिए आगे बढ़ गए.
दो साल पहले पति की हार्ट अटैक से हुई मौत
कृतिलता की सास यमुना देवी सिन्हा ने बताया कि उनका लड़का अब इस दुनिया मे नहीं रहा लेकिन उनकी बहू कृतिलता का अभी पूरा जीवन बाकी है, इसलिए उन्होंने ऐसा फैसला लिया और मां बनकर उसे विदा कर रही हैं. बताया गया कि कृतिलता धमतरी की रहने वाली थी, जिसका विवाह नरहरपुर में गजेंद्र सिन्हा से हुआ था. बहरहाल, इस विवाह से वर-वधु के साथ-साथ दोनों के परिवारों में भी खुशियां खिलेंगी और पूरे समाज को एक प्रगतिशील सोच की प्रेरणा मिलेगी.