नई दिल्ली: घर के कचरे से सारे परेशान होते हैं लेकिन अगर आपको कचरा मुक्त घर मिले तो कैसा रहेगा? ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एक 87 वर्ग मीटर का मकान है, जिसे उसका मालिक जीरो वेस्ट 'ग्रीनहाउस' कहता है. यह पूरा घर रीन्यूएबल एनर्जी यानी नवीकरणीय ऊर्जा से चलता है. पूरा घर ऑर्गेनिक यानी कार्बनिक पदार्थों से बना है. आइए जानते हैं भविष्य के घरों के लिए ये घर कैसे एक उम्दा उदाहरण बन सकता है.
मेलबर्न के जूस्ट बेकर ने इस घर को बनाया है. उन्हीं का डिजाइन है. वो फ्यूचर फूड सिस्टम हाउसिंग एक्सपेरीमेंट नामक अभियान के सदस्य है. जूस्ट ने बताया कि उनका ये कचरामुक्त ग्रीन घर तीन मंजिले का है. इसमें दो बेडरूम हैं. एक बाथरूम है. यह घर भविष्य में बनने वाले घरों के लिए आइडिया दे सकता है.
जूस्ट बेकर ने CNN को बताया कि इस ग्रीन घर को पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है. यह प्रकृति से प्रेरित है. इसमें एक इकोसिस्टम है जिसमें कुछ भी वेस्ट नहीं होता. कार्बनिक कचरे को बायोडाइजेस्टर में डाल दिया जाता है. जिससे खाना बनाने के लिए बायोगैस मिलती है या फिर खाद मिलती है. इसकी खाद का उपयोग बगीचे और गमलों में करता हूं. यहां पर एक वर्ग मीटर में हमने 35 किलो आलू उगा कर दिखाया है.
घर में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है, जिसमें स्टोर किए गए पानी से सिंचाई होती है. इसके अलावा यहां पर एक एक्वापोनिक्स सिस्टम (Aquaponics System) भी लगा है, जिसमें मछलियों के तालाब से निकली गंदगी और पानी से पौधे उगते हैं. बॉथरूम के शावर से निकलने वाले गर्म भाप से मशरूम उगाए जा रहे हैं.
जूस्ट कहते हैं कि इस घर को एक बार देखने वाला हैरान रह जाता है. इस इमारत की नींव में 35 टन मिट्टी है. ये बेहद उर्वरक मिट्टी है, जिसकी वजह से पूरे प्लॉट पर सब्जियां, फल और फूल-पत्ते उगते हैं. इस घर में 200 प्रजातियों के पेड़-पौधे हैं. इसके अलावा इस घर में कीड़े, घोंघे, मछलियां और मुर्गियां भी पाली जा रही हैं. जूस्ट ने बताया कि यह एक मॉडल हाउस है. हम लोगों को ऐसे घर बनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं.
इस घर में बने छोटे से रेस्टोरेंट के शेफ जो बैरेट और मैट स्टोन बताते हैं, वो इस साल जनवरी से हर हफ्ते तीन दिन खाना पका रहे हैं. सिर्फ कोविड-19 लॉकडाउन वाले समय को छोड़कर. यहां के रेस्टोरेंट में मल्टी-कूजीन मेन्यू है. यहां मिलने वाले पकवान घर में उगी सब्जियों से बनाए जाते हैं. इस घर की छत पर मधुमक्खियां भी पाली गई है, ताकि शहद मिल सके.
मैट स्टोन कहते हैं कि हम यहीं चीजें उगाते हैं, फिर उन्हें भोजन का रूप देकर रेस्टोरेंट में लोगों को खाने के लिए देते हैं. वह भी एक शहर के बीच में. यहां के पकवान पूरी तरह से हैरान करने वाले होते हैं. नवंबर के महीने में जो बैरेट और मैट स्टोन मेलबर्न के स्कूलों और अन्य मेहमानों को इस जगह का टूर कराएंगे. उन्हें यहां खाना बनाने का मौका भी दिया जाएगा.
जूस्ट ने कहा कि इस घर के लिए मेलबर्न फेडरेशन स्क्वायर ने इस घर को बनाए रखने के लिए सिर्फ अगले साल अप्रैल तक का वक्त दिया है. इसके बाद इस घर को शहर के बाहर शिफ्ट कर दिया जाएगा. जहां पर यह स्थाई होगा और इसमे जूस्ट बेकर की मां रहेंगी.
जूस्ट कहते हैं कि अगर की घर में लगने वाली ऊर्जा और खाद्य सामग्रियों के कचरे का उपयोग किया जाए तो हमें प्रकृति, पैसा और संसाधनों को बचा सकते हैं. जूस्ट जीरो वेस्ट घरों का सपना तब से देख रहे हैं, जब वो 12 साल के थे. वो लोग नीदरलैंड्स से ऑस्ट्रेलिया गए. उसके बाद उन्होंने 2008 में अपने इस घर के प्रोजेक्ट पर काम शुरु किया था.