कोरोना के मरीजों को घर में बनाया हुआ खाना निशुल्क आपूर्ति कर रही यह लड़की, बोलीं- 'उन्हें हमारी जरूरत है'
कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी के बीच महाराष्ट्र के एक गांव की युवती कोविड-19 के मरीजों और उनके परिवारों को घर में बनाया हुआ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में बढ़ोतरी के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक गांव की युवती कोविड-19 के मरीजों और उनके परिवारों को घर में बनाया हुआ खाना निशुल्क आपूर्ति (Girl Provides Free Meals To COVID-19 Patients) कर रही है. मनीषा बालाजी वाघमारे (Manisha Balaji Waghmare) कस्बे तडवाले गांव से हर दिन 32 किलोमीटर की यात्रा करती हैं. वह अपनी स्कूटी पर भोजन के करीब 100 पैकेट लेकर उन्हें उस्मानाबाद जिला सरकारी अस्पताल में मरीजों और उनके रिश्तेदारों को पहुंचाती हैं.
वाघमारे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कोविड-19 के मरीजों और उनके परिवार वालों के अस्पताल में होने के कारण वे खाना नहीं तैयार कर पाते हैं. इसलिए उन्होंने और उनके अभिभावकों ने ऐसे लोगों को निशुल्क भोजन मुहैया कराने का फैसला किया. वाघमारे ने कहा, ''संकट के इस वक्त मरीजों और उनके परिजनों को अच्छे भोजन के साथ मनोबल ऊंचा बनाए रखने की भी जरूरत है.''
वाघमारे 21-22 साल की है. वह पुणे में महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) परीक्षा की तैयारी कर रही थी लेकिन राज्य में पाबंदी लगाए जाने के कारण वह अपने पैतृक स्थल पर लौट आयी.
किस चीज ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया, यह पूछे जाने पर वाघमारे ने कहा कि एक बार उनके दादा बीमार पड़ गए थे और उन्हें उस्मानाबाद में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें वहां भोजन नहीं मिला.
उन्होंने कहा, ''हम उन्हें खाना भी मुहैया नहीं करा पा रहे थे. इस घटना ने मुझे और मेरे परिवार को जरूरतमंद की मदद करने को प्रेरित किया.''